लोकसभा चुनाव 2019: किसानों को लुभाने की कोशिश में कांग्रेस, जल्द आ सकता है घोषणापत्र

  • Follow Newsd Hindi On  
लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस जारी कर सकती है प्रभावी घोषणापत्र, किसानों पर होगी विशेष नजर

राजस्थान, मध्य-प्रदेश और छतीसगढ़ विधानसभा चुनावों में अपनी जीत से कांग्रेस काफी उत्साहित है। तीन राज्यों की कांग्रेस सरकारें किसानों के ऋण माफ करने की कवायद शुरू कर चुकी है। इसके बाद राहुल गांधी ने यूपीए सरकार आने की स्थिति में न्यूनतम आय गारंटी योजना प्रारंभ करने का चुनावी वादा कर दिया है। खबर है कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस जनकल्याण की ऐसी और भी नई योजनाएं पेश कर सकती है।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी अपने चुनावी घोषणापत्र में किसानों से जुड़े व्यापक मुद्दों को जोड़ सकती है।


कांग्रेस के आगामी कार्यक्रम की कुछ खास बातें

  • पार्टी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा कर इसके किसी दूसरे विकल्प पर विचार कर रही है। मौजूदा फसल बीमा योजना प्रीमियम पर आधारित योजना है, जिसके तहत किसानों को खरीफ के लिए अधिकतम 2%, रबी व तेलहन फसलों के लिए 1.5% तथा वार्षिक नकदी या बागवानी फसलों पर 5% के साथ केंद्र और राज्य दोनों की समान रूप से हिस्सेदारी रहती है।
  • किसान क्रेडिट कार्ड(KCC) को कांग्रेस ज्यादा सरल रुप में ला सकती है। केसीसी का प्रयोग किसान कृषि सामग्री जैसे- बीज, उर्वरक खरीदने के साथ ही अपनी आवश्यकताओं के लिए नगद निकासी भी कर सकते हैं।
  • पार्टी फसलों के लिए दिए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) को बढ़ाने के साथ इसमें अन्य फसलों को भी शामिल करने का विचार कर रही है।
  • राज्य स्तर पर कृषि मूल्य आयोग का भी गठन हो सकता है जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सके, पार्टी ऐसा सोच रही है।
  • कांग्रेस पार्टी किसानों के लिए “विशेष कृषि जोन” को भी स्थापित करने को अपने घोषणापत्र में जगह दे सकती है।
  • कृषि यंत्रों पर GST की मौजूदा दरों में बदलाव आ सकता है, वहीं निवेश मूल्यों में भी कमी के लिए कीमतों में कमी आ सकती है।
  • गन्ना किसानों को राहत देने के लिए पार्टी एक स्थाई कोष की स्थापना का भी विचार कर रही है।
  • किसानों को तकनीकी रुप से मदद कर सकने वाले स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने का भी पार्टी इरादा रखती है। गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों के प्रचार में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह कहा था के अगर नतीजे आने के 10 दिन के भीतर किसानों के ऋण माफ नहीं हुए तो वो मुख्यमंत्री बदल देंगें।


(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)