इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति पर रोक लगाई

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इस्लामाबाद, 4 नवंबर (आईएएनएस)| इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को दो चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति से संबंधित राष्ट्रपति की अधिसूचना को 5 दिसंबर तक स्थगित कर दिया। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, वकील जहांगीर खान जादौन द्वारा दायर याचिका के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने सुनवाई की।

संसदीय कार्य मंत्रालय ने अगस्त में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की मंजूरी के बाद खालिद महमूद सिद्दीकी और मुनीर अहमद काकर को क्रमश: सिंध और बलूचिस्तान से चुनाव आयोग के सदस्य (ईसीपी) के तौर पर नियुक्त किया था।


इस साल जनवरी में अब्दुल गफ्फार और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) शकील बलूच के सिंध और बलूचिस्तान के ईसीपी सदस्य के तौर पर सेवानिवृत्त होने के सात महीने बाद यह नियुक्तियां हुई थीं।

न्यायमूर्ति मिनाल्लाह ने कहा, “संसद की प्रतिष्ठा न्यायालय के लिए महत्वपूर्ण है। हमें नेशनल असेंबली स्पीकर असद कैसर और सीनेट चेयरमैन सादिक संजरानी पर भरोसा है।”

मिनाल्लाह ने जोर देकर कहा कि संसद के निर्वाचित प्रतिनिधियों को स्वयं ऐसा निर्णय लेना चाहिए।


इस दौरान वकील जादौन ने निवेदन किया कि तीन बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन देश में चल रही राजनीतिक अशांति के कारण इस मुद्दे को हल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “इसके लिए और चार हफ्तों की जरूरत होगी।”

आजादी मार्च के संदर्भ का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति ने जवाब दिया, “जिस मामले का आप उल्लेख कर रहे हैं, उसे संसद में हल किया जाना चाहिए। ईसीपी लगभग निष्क्रिय है और मुख्य चुनाव आयुक्त सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए।”

जादौन ने 27 अगस्त को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में ईसीपी के सिंध और बलूचिस्तान सदस्यों की नियुक्ति को चुनौती देते हुए मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के कार्यान्वयन को रोकने का अनुरोध किया था।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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