इस्लामाबाद, 1 नवंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान में सत्तारूढ़ इमरान सरकार की परेशानियां और बढ़ने वाली हैं क्योंकि इसके इस्तीफे की मांग को लेकर इस्लामाबाद पहुंचे आजादी मार्च के प्रदर्शनकारी कम से कम दस से पंद्रह दिन तक राजधानी में डटे रहने के मूड में हैं।
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने शुक्रवार को ‘जियो न्यूज’ से बातचीत के दौरान मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी जमीयते उलेमाए इस्लाम-एफ के इस रुख का खुलासा किया।
मीर ने कहा, “मैंने आजादी मार्च में शामिल लोगों से बात की है। यह लोग यहां दो या तीन दिन के लिए नहीं आए हैं। वे यहां कम से कम दस से पंद्रह दिन तक टिकने जा रहे हैं।”
मीर ने कहा कि उन्होंने मौलाना फजल से बात की तो उन्होंने पूछा कि भला वह इतने सारे लोगों को वापस उनके घरों को कैसे भेज सकते हैं। फजल ने कहा कि अगले चौबीस घंटे में प्रदर्शनकारी अभी जहां हैं, वहां से आगे बढ़ेंगे।
मीर ने कहा, “मैंने (जमीयत उलेमाए इस्लाम-एफ नेता) गफूर हैदरी से बात की और उनसे कहा कि आपने सरकार से (प्रदर्शन स्थल आदि को लेकर) सहमति बनाई हुई है। इस पर गफूर ने कहा कि सरकार ने उनके लोगों को गिरफ्तार कर खुद ही इस समझौते को तोड़ दिया है।”
वरिष्ठ पत्रकार ने यह भी कहा कि महिला मीडियाकर्मियों को कवरेज करने की अनुमति देने के लिए वह मंच पर चढ़कर गए और मौलाना फजल से कहा कि उन्हें बहुत शिकायतें मिली हैं कि महिला मीडियाकर्मियों को कवरेज से रोका जा रहा है। ऐसा करना सही नहीं है क्योंकि प्रेस की आजादी पर पहले से ही कई पहरे लगे हुए हैं। इस पर फजल ने हैदरी से बात की और फिर हैदरी के कहने पर उन्होंने (मीर ने) मंच से ऐलान किया कि महिला मीडियाकर्मियों को कवरेज की इजाजत है और इसके लिए फजल का शुक्रिया अदा किया।