जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Milia Islamia) के छात्रों के साथ दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की कार्रवाई के खिलाफ देशभर में छात्र एकजुट हो गए हैं। रविवार देर रात तक दिल्ली पुलिस के मुख्यालय के बाहर छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर छात्रों का प्रदर्शन बीती रात उस वक्त खत्म हुआ जब हिरासत में लिए गए 50 छात्रों की रिहाई हो गई। जामिया 5 जनवरी तक बंद है ऐसे में हिंसक प्रदर्शन के बाद सोमवार से विश्वविद्यालय के छात्र कैंपस छोड़ अपने घरों के लिए रवाना हो रहे हैं।
वहीं जामिया के छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, जाधवपुर यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, दारुल उलूम, हैदराबाद की मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) और अन्य कई यूनिवर्सिटी के छात्रों ने आवाज बुलंद की है। छात्रों ने जामिया के छात्रों के साथ हुई मारपीट की कड़ी आलोचना की है।
TISS के छात्रों ने तय किया है कि सोमवार को वह सभी क्लासेज का बहिष्कार करेंगे और जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए सहानुभूति मार्च निकालेंगे। पटना में भी कई कॉलेजों के छात्रों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन की बात कही है। देशभर के छात्र संगठनों का कहना है कि जामिया में घुसकर पुलिस का लाठीचार्ज करना सिर्फ छात्रों पर ही नहीं बल्कि लोकतंत्र पर भी करारा प्रहार है।
बता दें, जामिया के छात्र नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) का विरोध कर रहे थे। रविवार शाम को जामिया नगर से लगे सराय जुलैना के पास डीटीसी बसों को आग लगा दिया गया, जिसके बाद बवाल तेज हो गया। पुलिस ने पथराव के बाद छात्रों पर जमकर लाठीचार्ज किया, जिसमें दर्जनों छात्र घायल हो गए। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने बसों में आग लगाई। उनके साथ कुछ और लोग भी थे। जिस समय बसों को आग के हवाले किया गया, उस समय अंदर सवारियां मौजूद थीं।