रांची, 21 मई (आईएएनएस)। झारखंड सरकार प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने में जुट गई है। इसी के तहत राज्य में मनरेगा से 20 हजार एकड़ में पौधारोपण करने की योजना बनाई गई है। अनुमान है कि इस कार्य में राज्य के 40 हजार से अधिक मजदूरों को काम मिल सकेगा।
मनरेगा आयुक्त सिद्घार्थ त्रिपाठी ने गुरुवार को बताया कि “मनरेगा के तहत मशीन से काम नहीं करवाने की सख्त हिदायत दी गई है। जिला के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि कहीं मशीन से काम हो तो तत्काल मशीन जब्त करें और कानूनी कार्रवाई करें।”
उन्होंने कहा, “मनरेगा से 20 हजार एकड़ में पौधरोपण करने की योजना बनाई गई है। इससे जहां पर्यावरण को लाभ होगा, वहीं मजदूरों को रोजगार भी मिल सकेगा। पौधरोपण के लिए 20 हजार एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है। पौधा लगाने के लिए 30 मई तक गड्ढे और घेरने का काम पूरा कर लिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के काम में मशीनों के उपयोग पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है।
झारखंड में करीब 49 लाख ग्रामीण परिवार जॉब कार्डधारक हैं। एक्टिव जॉब कार्ड करीब 22 लाख परिवार के पास हैं। एक्टिव मजदूर करीब 29 लाख हैं। झारखंड में हर साल औसतन 14 लाख परिवारों के 18 से 19 लाख लोग मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं।
सरकार का मानना है कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर गांव में लौटे हैं। पहले इनमें से कई लोग अन्य प्रदेशों में काम करने जाया करते थे, जो अब बंद है। जाहिर है कि अब एक्टिव जॉब कार्ड की संख्या बढ़ेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस महीने के पहले सप्ताह में तीन योजना नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्घि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल योजना की शुरुआत की थी।
–आईएएनएस