झारखंड की रघुवर दास सरकार पत्रकारों के लिए खास तोहफा लेकर आई है। इस तोहफे में पत्रकारों को 15 हजार रुपये दिया जाएगा। बदले में पत्रकारों को झारखंड सरकार की जनकल्याण की योजनाओं के बारे में लिखना होगा। पत्रकारों को सरकार से ये पैसा तब मिलेगा जब वो चुने गए विषयों पर लेख लिख कर अखबार में छपवाने के बाद उसकी कतरन जनसंपर्क विभाग में जमा कराएंगे। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों को अपने लेख के वीडियो प्रसारण का क्लिप जमा कराना होगा।
अखबारों में छपवाया विज्ञापन
इतना ही नहीं, जिन ‘लकी’ पत्रकारों का आलेख सरकार की किताब में शामिल किया जाएगा, उन्हें पांच हजार रुपये और मिलेंगे। झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने पत्रकारों को यह ऑफर बताने के लिए बजाप्ता विज्ञापन निकाले हैं और कई पत्रकारों ने आवेदन भी कर दिया है। 14 सितंबर को रांची के अखबारों में इस सिलसिले में विज्ञापन छपवाया गया था।
विज्ञापन में कहा गया है कि सरकार की वेलफेयर स्कीमों के बारे लिखने वाले पत्रकारों का चयन एक कमेटी करेगी। 16 सितंबर तक अपना विषय सुझाने वाले 30 पत्रकारों का चयन करने के बाद यह कमेटी उन्हें संबंधित विषयों पर लिखने के लिए एक महीने का समय देगी। इस दौरान इन्हें अपना लेख अखबार या किसी और जगह छपवाना होगा। यही काम टीवी चैनलों के रिपोर्टरों को करना होगा। इसके बाद इन पत्रकारों को प्रति आलेख 15 हजार रुपये तक का भुगतान करा दिया जाएगा।
हेमंत सोरेन बोले- रघुबर सरकार ने सारी हदें लांघीं
रघुबर सरकार की ओर से इस स्कीम के बारे में विज्ञापन छपवाने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता हेमंत सोरेन ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार ने नैतिकता की सारी हदें लांघ दी हैं। वह खुल्लमखुल्ला विज्ञापन निकाल कर पत्रकारों को सरकार के विकास कार्यक्रमों के बारे में लिख कर पैसे कमाने का ऑफर दे रही है।
The ruling @BJP4Jharkhand govt , it’s officials & our hon’ble CM @dasraghubar have breached all norms of ethics & moraliy. Open advrt by Govt publicity wing to journalists in #Jharkhand to write on #Vikas & earn money as fees. #PressCouncil & @MIB_India should take cognizance . https://t.co/OmK8I2Io54 pic.twitter.com/o133zZmHmQ
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 16, 2019
बता दें, झारखंड सरकार ने राज्य के पत्रकारों के लिए पेंशन और बीमा स्कीम की भी शुरुआत की है। इसके अलावा झारखंड सरकार रांची के पत्रकारों को अपने खर्च पर विभिन्न जिलों का भ्रमण करा रही है। इस दौरान उनके रहने-खाने और आने-जाने का पूरा खर्च सरकार उठाती है। ऐसे पत्रकारों को उन जगहों पर ले जाया जाता है, जहां कथित तौर पर अच्छा काम हुआ है। इसके बाद उस संबंधित करीब-करीब एक ही तरह की खबरें अधिकतर अखबारों में छपवाई जाती हैं।
एक मोटे अनुमान के मुताबिक रघुबर सरकार ने पिछले 5 सालों में विज्ञापनों पर 400 करोड़ से भी अधिक खर्च किया है। झारखंड में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे सरकार की जनसंपर्क अभियान का हिस्सा समझा जा रहा है।