वाशिंगटन, ग्लोबल एनवायर्नमेंट फैसिलिटी (जीईएफ) परिषद की मंगलवार से शुरू हुई बैठक में चार साल के नए निवेश चक्र के लिए परियोजनाओं और दक्षता, जवाबदेही व पारदर्शिता को बेहतर बनाने के लिए उपाय शीर्ष एजेंडे में शामिल हैं। वियतनाम में 2018 में हुई जीईएफ सभा में जीईएफ-7 वार्ता के निष्कर्षो के बाद पहली बार यह 55वीं जीईएफ परिषद की बैठक हो रही है। वर्ष 2018 की बैठक जीईएफ ट्रस्ट फंड की सरकारों द्वारा 4.1 अरब डॉलर की पुन:पूर्ति को स्वीकृति दी गई थी।
भारत, जलवायु परिवर्तन की चपेट में आने वाले विश्व के सबसे असुरिक्षत देशों में से एक है। साथ ही वह जीईएफ का दानकर्ता और प्रापक दोनों है। जीईएफ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक साझेदारी है, जिसमें वैश्विक पर्यावरण मुद्दों को हल करने के लिए 183 देश शामिल हैं।
परिषद की अपनी शुरुआती प्रतिक्रिया में जीईएफ की सीईओ व अध्यक्ष नाओको ईशी ने कहा, “बीते कुछ महीनों से, अधिक से अधिक सबूत आगे रखे गए हैं कि हम वैश्विक पर्यावरण पतन पर युद्ध को नहीं जीत रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “कुछ पहलुओं में, हम और भी पीछे जा रहे हैं।”
जीईएफ की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “वैश्विक पर्यावरण पतन और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ युद्ध में भागीदारी के हिस्से के रूप में जीईएफ 7 हमारे लिए एक शक्तिशाली उपकरण है।”
जीईएफ ने एक बयान में कहा, “20 दिसंबर को समाप्त होने वाली 55वीं जीईएफ परिषद में तैयारियों, समर्थन और कार्यान्वयन को गति देने के लिए प्रस्तावित नई नीतिगत उपायों पर विचार किया जाएगा।”