जयपुर, 22 नवंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस ने जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा को ‘अवैध और असंवैधानकि रूप’ से भंग कराने के लिए राज्यपाल सत्यपाल मलिक का इस्तेमाल करने पर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने यहां मीडिया से कहा, “जिस तरह से राज्यपाल ने अवैध व असंवैधानिक रूप से विधानसभा भंग किया, उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।”
उन्होंने कहा, “राज्यपाल ने संविधान के साथ खिलवाड़ किया है और प्रधानमंत्री व प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के इशारे पर ऐसा किया है।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जून में जब महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लिया था, तब पिछले छह महीनों में मलिक ने विधानसभा भंग क्यों नहीं किया।
तिवारी ने कहा, “पिछले पांच-छह महीनों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने किसी भी तरह का प्रलोभन देकर, जोड़तोड़ कर सरकार बनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन जब इसका कोई परिणाम नहीं निकला तो पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश करने पर राज्यपाल से विधानसभा भंग करवा दिया गया।”
इससे पहले, केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मलिक पर यह कहते हुए निशाना साधा कि भाजपा नियुक्त राज्यपाल के लिए लोकतंत्र ‘पुराना’ हो गया है।
चिदंबरम ने कहा, “जब तक किसी ने भी सरकार बनाने का दावा नहीं किया था तब तक जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल विधानसभा को निलंबित रखकर खुश थे। जैसे ही किसी ने सरकार बनाने का दावा किया, उन्होंने विधानसभा को भंग कर दिया।”
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “लोकतंत्र का वेस्टमिंस्टर मॉडल (लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली) पुराना हो गया है। अन्य मामलों की तरह, यह गुजरात मॉडल है, जो जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल को पसंद आया है।”
पार्टी ने राज्यपाल द्वारा बुधवार को बचाव में दिए गए बयान का भी मखौल उड़ाया, जब उन्होंेने कहा था कि पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का महागठबंधन ‘अवसरवादी’ था।
पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मलिक राज्यपाल के बजाय भाजपा प्रवक्ता की तरह ज्यादा बातें कर रहे हैं। हम उनके कदम की कड़ी आलोचना करते हैं और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग करते हैं।”