‘काम की राजनीति’ का मॉडल काम करेगा: अरविंद केजरीवाल

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नई दिल्ली | घृणा की राजनीति और विभाजनकारी हिंदू बनाम मुस्लिम नफरत के कार्ड का पर्दाफाश करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दूसरा कार्यकाल पाने को लेकर आश्वस्त हैं। जुझारू और स्पष्टवादी केजरीवाल ध्रुवीकरण की राजनीति को खारिज करते हुए कहते हैं कि उनके ‘काम की राजनीति’ का मॉडल काम करेगा। केजरीवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर किया गया उनका काम सब्सिडी पर आधारित नहीं है, बल्कि सिस्टम में मौजूद भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंककर बचाए गए पैसे पर आधारित है।

संदीप बामजई और दीपक शर्मा के नेतृत्व वाली आईएएनएस टीम ने उनके साथ विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।


प्रश्न : आपके राजनीति यात्रा के दौरान आपको कई तरह की चीजें, जैसे ‘अराजकतावादी’, ‘आंदोलनकारी’, ‘अरबन गुरिल्ला’ और अब ‘आतंकवादी’ कहा गया। कृपया आप अपनी यात्रा के बारे में बताएं।

जवाब : आप सभी को नमस्कार। यह चुनाव देश में नई तरह की राजनीति स्थापित करेगा। जब हमारी सरकार ने पांच वर्ष पहले काम करना शुरू किया था, हम राजनीति के बारे में कुछ नहीं जानते थे। हम अभी भी नहीं जानते हैं। लोग हमसे पूछा करते थे कि क्या हम ब्राह्मणों, बनिया, अनुसूचित जातियों, मुस्लिमों और हिंदुओं के वोटबैंक सुनिश्चित करने के बजाय क्यों स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति सही करने में लगे हैं। लेकिन यह वह नहीं है, जिसके लिए हम यहां आए थे। हमने लगातार स्कूलों, अस्पतालों, पानी और बिजली के लिए काम करना जारी रखा। यह चुनाव इन मूल मुद्दों पर लड़ा जा रहा है। आप अपनी कैमरा टीम को लेकर सड़कों पर जाइए और जो लोग आप को वोट देंगे, वे आपको उन कामों की सूची बताएंगे जो हमने उनके लिए किया है। अगर हम इस चुनाव में सफल होते हैं, तो यह नई तरह की राजनीति स्थापित करेगा जो कि ‘काम की राजनीति’ है।”

उन्होंने कहा, “ये इस तरह के मुद्दे हैं, जिसपर पूरे देश में वोट होना चाहिए। यह कुछ ऐसा है, जिसे हमारे विरोधी नहीं चाहते। उन्होंने हमें हराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। मैं 200 विपक्षी सांसदों, 10 मुख्यमंत्रियों, 70 केंद्रीय मंत्रियों और कांग्रेस, भाजपा, राजद, बसपा, अकाली दल और लोजपा जैसी पार्टियों के बड़े वर्ग के निशाने पर हूं, क्योंकि वे इस नई तरह की राजनीति को पूरा होते नहीं देखना चाहते। इसलिए वे मेरे खिलाफ हर तरह की अभद्र भाषा बोल रहे हैं। वे मुझे आतंकवादी, देशद्रोही, रावण और ठग कह रहे हैं।”


प्रश्न : अरविंद, आप कह रहे हैं कि आप राजनीति में नौसिखुआ हैं, लेकिन आप भारतीय राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। उन्होंने लोगों को इस तरह से ईवीएम दबाने के लिए कहा है कि इसका करंट शाहीनबाग में महसूस हो। क्या वह आप पर निशाना साध रहे हैं?

उत्तर : आप देखिए, हमारे विरोधी को लोगों ने नगर निगम के लिए जनादेश दिया, जबकि हमारा काम स्कूलों को बेहतर करने का था। वे इसे संभाल नहीं सके, उन्होंने अपने शासन के 15 वर्षो में दिल्ली को कूड़ा का ढेर बना दिया। उनपर अपराध पर नियंत्रण की जिम्मेदारी थी, लेकिन वे फिर विफल हो गए। इसलिए उनके पास लोगों को दिखाने के लिए कुछ सकारात्मक नहीं है। वे भी हमारे काम में कोई कमी नहीं निकाल सके। उन्होंने हमारे स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों के फर्जी वीडियो दिखाए। उनके पास अब केवल शाहीनबाग और वही पुरानी हिंदू-मुस्लिम विभाजनकारी राजनीति है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं कहता हूं कि मैं स्कूल और अस्पताल बनाऊंगा, लेकिन वे शाहीनबाग का नारा लगाते हैं। शाहीनबाग का मुख्य मुद्दा क्या है? वे लोग सड़क पर जमा होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें कहीं और स्थानांतरित किया जाना चाहिए, क्योंकि आम लोगों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल बस और ऐंबुलेंस उस सड़क से पास नहीं हो पा रहे हैं। लेकिन क्या अमित शाह जैसे शक्तिशाली गृहमंत्री उस सड़क को खाली नहीं करवा सकते? कोई यह विश्वास नहीं करेगा कि अमित शाह एक सड़क तक को खाली नहीं करवा सकते।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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