आत्मनिर्भर भारत: CAPF कैंटीन में अब नहीं मिलेंगे विदेशी उत्पाद, 1000 से ज्यादा सामानों को हटाया गया

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आत्मनिर्भर भारत: CAPF कैंटीन में अब नहीं मिलेंगे विदेशी उत्पाद, 1000 से ज्यादा सामानों को हटाया गया

देश की पैरामिलिट्री फोर्स (CAPF) ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। आज से आर्मी कैंटीन (Army Canteen) में केवल स्वदेशी सामान ही बेचे जाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही 1000 से अधिक आयातित उत्पाद अब केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (KPKB) में उपलब्ध नहीं होंगे। फिर वह माइक्रोवेव हो या जूते, कपड़े हों या टूथ पेस्ट। केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार पैरामिलिट्री कैंटीन चलाने वाली मुख्य संस्था है। यह नया नियम एक जून से लागू हो गया है।

ये सामान हुए बैन

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (KPKB) की कैंटीनों में अब केवल मेड इन इंडिया सामान ही बेचे जाएंगे। इसके अलावा, फेरेरो रोशेर, रेड बुल, विक्टोरिनोक्स, सफिलो (पोलेरॉइड, कैमेरा) हैवेल्स के प्रोडक्ट्स, हॉरलिक्स, शैंपू, बैग जैसे उत्पादों का आयात करने वाली सात कंपनियों को डी-लिस्ट कर दिया गया है। केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार कैंटीन ने कई कंपनियों के उत्पादों को भी लेने से इनकार कर दिया है। अब इनकी जगह केवल स्वदेशी चीजें इस्तेमाल में लाई जाएंगी। जवानों और उनके परिवारों से भी अपील की गई है कि वे विदेशी सामान का पूरी तरह बहिष्कार करें।


सामानों की तीन कैटेगरी बनाई गई

गृह मंत्रालय ने इसके लिए तीन कैटेगरी बनाई है। सबसे ज्यादा प्राथमिकता उन प्रोडक्टस को दी जाएगी, जो पूरी तरह से भारत में तैयार हुए हैं और भारतीय कंपनी के होंगे। दूसरी कैटेगरी में उन्हें शामिल किया गया है, जिनका कच्चा माल आयात होता हैं, लेकिन उत्पादन भारत में होता है। इन दोनों कैटेगरी के उत्पादों की बिक्री की मंजूरी है। तीसरी कैटैगरी में पूरी तरह से विदेशी उत्पाद को रखा गया है, जिस पर पाबंदी लगाई गई है।

50 लाख लोग करते हैं इन प्रोडक्ट्स का इस्तमाल

गौरतलब है कि केंद्रीय पैरामिलिट्री फोर्स में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी, असम राइफल्स के करीब दस लाख से ज्यादा जवान हैं। इनके परिवार के सदस्यों को मिला लें तो 50 लाख से ज्यादा लोग सेंट्रल पुलिस कैंटीन से खरीदारी करते हैं। अब ये लोग स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी करेंगे।

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कैंटीन के तहत पूरे देश में 1,700 से अधिक केंद्रीय पुलिस कैंटीन (सीपीसी) का संचालन होता है। इसमें किराना का सामान, कपड़े, उपहार सामग्री और वाहन एवं अन्य सामानों की बिक्री होती है। सीएपीएफ की कैंटीन में सालाना करीब 2,800 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इन कैंटीनों के जरिए सेना के करीब 10 लाख कर्मियों के परिवारों को सामानों की बिक्री की जाती है। सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी के अलावा एनएसजी भी शामिल है। वर्ष 2006 में कैंटीन के इस नेटवर्क की स्थापना हुई थी। बलों की तैनाती वाले विभिन्न स्थानों पर 119 से ज्यादा मास्टर कैंटीन और 1,625 सहायक कैंटीन हैं।


पीएम मोदी ने दिया था आत्मनिर्भर भारत का मंत्र

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया था। पीएम ने देशवासियों से अपील की थी कि वे स्वदेशी उत्पादों का इस्तेमाल करें, उसे बढ़ावा दें। इसके बाद गृह मंत्रालय ने अपने अधीन आने वाले विभागों और सशस्त्र बलों में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का फैसला लिया था। आर्मी प्रमुख ने पिछले दिनों कहा था कि वह कई विदेशी उत्पादों को सेना से बाहर कर रहे हैं।


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