‘कम से कम 2 दिव्यांग उम्मीदवारों को टिकट दें सभी राजनीतिक दल’

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नई दिल्ली, 2 अप्रैल (आईएएनएस)| भारतीय दिव्यांग संगठन ने मंगलवार को सभी राजनीतिक दलों, विशेषकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से दिव्यांगों को राजनीतिक मुख्यधारा का हिस्सा बनाने का आग्रह किया और सभी राजनीतिक दलों से आगामी लोकसभा चुनाव में कम से कम दो दिव्यांग उम्मीदवारों को टिकट देने की मांग की।

भारतीय दिव्यांग संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित कुमार ने कहा, “चुनावी प्रक्रिया का पहला दौर बीत रहा है, लेकिन अब तक किसी पार्टी ने एक भी दिव्यांग को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है। अगर दिव्यांगों को छोड़ दिया जाए तो कई आठवीं या दसवीं पास लोगों को राजनीतिक दलों ने उम्मीदवार बनाकर उन्हें देश का भाग्य विधाता बनाने की तरफ बढ़ा दिया है।”


उन्होंने कहा, “मोदी के रहते ये क्यों मुमकिन नहीं हो रहा कि ज्यादा एकाग्रता वाले दिव्यांग को राजनीति की मुख्य धारा में जगह मिल पाए।”

अमित ने कहा कि इस मामले में मीडिया का रोल बहुत अहम हो जाता है। मीडिया को देश के नेताओं और जनता को यह बताना चाहिए कि दिव्यांग राजनीति में कम सक्षम नहीं हैं और उनको उम्मीदवार बनाकर सम्मान और अधिकार देना देश के राजनैतिक दलों का कत्र्तव्य है। सभी जिम्मेदार नागरिकों को इस संबंध में अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में चुनाव में दिव्यांगों को टिकट मिलना तो दूर, वे सम्मानपूर्वक अपना वोट डाल सकें, इसके भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। चुनाव आयोग ने खुद स्वीकार किया है कि दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए सभी वोटिंग बूथ पर सौ फीसदी रैंप तक नहीं बन पाएंगे। इस हालात में अगर राजनीतिक दल और आयोग पर दिव्यांगों के कर्तव्यों और अधिकारों के हनन का आरोप लगाया जाए तो कुछ भी गलत नहीं होगा।


संगठन ने मोदी सरकार से विकलांगता के प्रतिशत के आधार पर दिव्यांगों को पेंशन देने, दिव्यांग कार्ड मुहैया कराने, उनकी प्राइमरी से ग्रेजुएशन तक की शिक्षा मुफ्त करने और मुफ्त राशन देने सहित कई मांगे की है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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