योग को शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य का अद्भुत विज्ञान माना जाता है। भारत में योगाभ्यास की परंपरा तकरीबन 5000 साल पुरानी है। नियमित रूप से योग करने से न सिर्फ शारीरिक और मानसिक समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि सुंदरता भी बढ़ती है। इसके साथ आयु भी बढ़ती है योग में कई प्रकार के आसन होते हैं, जो स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।
योग के कई आसन होते हैं, जो शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं। इनमें से ही एक है ‘अनुलोम विलोम प्रणायाम’ (Anulom Vilom) यह कई रोगों से लड़ने में कारगर साबित होता है। आइये बताते हैं इसके फायदों और इसे करने के तरीके के बारे में।
अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे
अनुलोम विलोम योग का एक महत्वपूर्ण प्राणायाम है। इसे नियमित रूप से करने से कई प्रकार की घातक बिमारियों से निजात मिल जाती है।
- इसे नियमित रूप से करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और बदलते मौसम में शरीर जल्दी बीमार नहीं होता।
- यह मसल्स के लिए भी अच्छा होता है।
- इसे करने से फेफड़े मजबूत होते हैं।
- अनुलोम विलोम प्राणायाम वजन कम करने में भी सहायक होता है यह पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाता है, जिससे कि एक्स्ट्रा कैलोरी जल्दी बर्न कर होती है।
- नियमित रूप से अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से तनाव और डिप्रेशन भी दूर होता है।
- गठिया के दर्द के लिए भी इसे फायदेमंद माना जाता है।
- अनुलोम विलोम प्राणायाम दिल के लिए भी लाभकारी होता है।
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कैसे करें अनुलोम विलोम प्राणायाम
अनुलोम विलोम को करने के लिए आप नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं।
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले चौकड़ी मार कर बैठ जाएं।
अब दाएं अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका पकड़ें और बाई नासिका से सांस अंदर लें।
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अब अनामिका अंगुली से बाई नासिका को बंद कर दें।
इसके बाद दाहिनी नासिका खोलें और सांस बाहर छोड़ें।
अब दाहिने नासिका से ही सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाई नासिका से सांस बाहर छोड़ें।