कोच आमरे ने आलोचकों को जवाब देने पर रहाणे को सराहा

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नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में बेहतरीन शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबजा अंजिक्य रहाणे के कोच प्रवीण आमरे ने कहा है कि इस शतक से रहाणे के आलोचकों को जवाब मिला होगा।

आमरे ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि रहाणे का शतक के बाद शांत रहना और जोर-शोर से जश्न न मनाना बताता है कि वह कितने परिपक्व हैं और उनके अंदर कितना आत्मविश्वास है।


उन्होंने कहा, “रहाणे ने अपने आप को बेहतरीन तरीके से संभाला है। हर कोई जोहान्सबर्ग में खेली गई उनकी उस पारी का जिक्र करता है, जिसने भारत को मैच जिताया था, लेकिन किसी को यह भी नहीं याद होगा कि टेस्ट टीम के उप-कप्तान को सीरीज के शुरुआत में बाहर बैठना पड़ा था। वह घबराए नहीं थे और यह बताता है कि उन्हें अपने खेल के ऊपर कितना आत्मविश्वास है। जब वह शतक पर पहुंचे तब भी उन्हें देखकर यह पता चलता है। उन्होंने अपने आप से बात की और कोई बढ़ा-चढ़ा कर जश्न नहीं मनाया। कोई और बल्लेबाज होता तो हवा में कूदता, कुछ और चीजें करता।”

आमरे ने कहा, “मेरे लिए उनके पहली पारी में बनाए गए 81 रन ज्यादा अहम थे, क्योंकि उस समय भारतीय टीम 25 रनों पर ही अपने तीन विकेट खो चुकी थी और जब विराट कोहली तथा चेतेश्वर पुजारा जैसे दो बड़े बल्लेबाज आउट हो जाते हैं तो दबाव काफी रहता है। आपको ऐसा खिलाड़ी चाहिए होता है जो बल्लेबाजी करे और एक छोर संभाले रखा। रहाणे ने यह किया। मुझे नहीं लगता कि कोहली और पुजारा के आउट होने के बाद जो स्थिति बनी थी उसमें रहाणे से बेहतर कोई और बल्लेबाजी कर सकता था। उनके पास तकनीक है और स्थिति के साथ ढलने का टैम्परामेंट।”

रहाणे विंडीज जाने से पहले काउंटी क्रिकेट खेल कर लौटे थे। आमरे को लगता है कि उनके शिष्य को इंग्लैंड में काउंटी में ड्यूक गेंद से खेलने का भी फायदा मिला है।


उन्होंने कहा, “मैं कह सकता हूं कि आखिरी के दो साल उनके लिए अच्छे नहीं रहे। रविवार को जिस तरह से उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया वो शानदार था। लेकिन अगर आप आखिरी के छह महीने देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि उन्होंने कितनी मेहनत की है। वह इंग्लैंड गए, काउंटी क्रिकेट खेले और ड्यूक गेंद के साथ अच्छा किया जो आसान नहीं था। इसके बाद वह एक सप्ताह के लिए बेंगलुरु (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) गए और वहां अभ्यास किया। मुझे लगता है कि यह उनकी मेहनत का फल है।”

कोच ने कहा है कि रहाणे ने एक बार फिर पूरे विश्व को बताया है कि फॉर्म अस्थिर होती है, लेकिन क्लास स्थिर।

उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि क्लास स्थिर है और फॉर्म अस्थिर और रहाणे ने एक बार फिर इस बात को साबित किया है। वह काफी मुश्किल पारी थी और भगवान ने उनका साथ भी दिया। लेकिन जब मैं एक कोच के तौर पर इसे देखता हूं तो मुझे लगता है कि उन्होंने पिछले साल भी कुछ शानदार पारियां खेली थीं, चाहे वो दक्षिण अफ्रीका में हो या इंग्लैंड में। उनका भारत को नंबर-1 टीम बनाने में अहम योगदान है। एक खिलाड़ी के तौर पर वह हमेशा से योगदान दे रह हैं चाहे वो शतक जमाए या नहीं।”

उन्होंने कहा, “कुछ हासिल करना हमेशा जरूरी नहीं होता है बल्कि टीम की सफलता में योगदान देना जरूरी होता है, क्योंकि यह टीम गेम है। एक बार भी उन्होंने अपनी काबिलियित पर शक नहीं किया और इसी कारण वह मजबूती से खड़े रहे और टेस्ट मैच में 183 रन बनाए। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान उन्हें टीम से हटा भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने दमदार वापसी की।”

आमरे को लगता है कि रहाणे को कुछ ही महीने पहले खत्म हुए विश्व कप की टीम में होना चाहिए था।

उन्होंने कहा, “विश्व कप के दौरान भी, अगर वह नंबर-4 पर खेलते तो चीजें अलग हो सकती थीं, क्योंकि मुझे लगता है कि जब टीम इंग्लैंड जैसी स्थिति में खेल रही होती है तब रहाणे का रोल अहम हो जाता है।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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