लॉकडाउन: केरल के नारियल किसान भारी तनाव में

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 तिरुवनंतपुरम, 27 मार्च (आईएएनएस)। लॉकडाउन के कारण केरल का कृषि क्षेत्र खासा प्रभावित हुआ है, खासकर नारियल के थोक विक्रेताओं पर असर पड़ा है।

 यहां कोझीकोड के बाजार में करीब तीस लाख नारियल जमा हैं, जो कि तमिलनाडु और कर्नाटक नहीं जा पा रहे हैं।


कोझीकोड हरे नारियल के लिए सबसे बड़े नारियल बाजारों में से एक है और यहां हर दिन औसतन 50 लॉरी में 6 लाख नारियल भरकर दोनों पड़ोसी राज्यों में भेजे जाते हैं।

यहां के एक प्रमुख व्यापारी ने कहा, “पिछले पांच दिनों से, कोई लॉरी यहां से नहीं गई है और यह किसानों के लिए परेशानी का सबब है। यहां हालात बहुत खराब हैं।”

माल बाजार में ना जा पाने के कारण व्यापारियों के लिए उन नारियल का भंडारण करना बड़ी समस्या बन गई है।


भूसी वाले नारियल अधिकतम एक सप्ताह तक ही रह पाते हैं। ऐसे में उनका क्या किया जाए? यह भी एक चिंता का विषय है।

ये नारियल पड़ोसी राज्यों में जाते हैं, जहां उनसे तेल बनाया जाता है। कोविड-19 के कारण यह काम भी बंद है। नारियल के जो किसान अच्छे व्यवसाय की उम्मीद कर रहे थे, वह बुरी हालत में हैं।

हालांकि व्यापारियों को उम्मीद है कि वस्तुओं की आवाजाही की अनुमति मिलने के साथ ये माल बाजार तक पहुंचेगा।

भारत में नारियल की खेती का कुल क्षेत्रफल 20.96 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से अकेले केरल में 7.60 लाख हेक्टेयर भूमि है।

केरल 5,230 मिलियन नारियल के उत्पादन के साथ देश में पहले नंबर पर है। जबकि देश में 23,798 मिलियन नारियल का उत्पादन होता है।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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