मानव-तस्करी रोधी विधेयक पर चर्चा के लिए सभापति को याचिका

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 नई दिल्ली, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)| मानव-तस्करी के चंगुल से बचाए गए लोगों के प्रति अपना मजबूत समर्थन जताते हुए विभिन्न दलों के राज्यसभा सदस्यों ने एकसाथ मिलकर मानव-तस्करी रोधी विधेयक पर चर्चा के लिए राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को याचिका भेजी है।

  प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर (जेएसी) सोसायटी द्वारा मानव-तस्करी पर शुक्रवार को आयोजित परिचर्चा में अखिलेश प्रसाद सिंह, डी. राजा, प्रदीप टम्टा, एन. गोकुलकृष्णन जैसे गणमान्य सांसदों ने इस याचिका पर हस्ताक्षर किए।


एनसीआरबी, 2016 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 15379 लोग मानव तस्करी का शिकार हुए, जिसमें 18 साल से कम 60 प्रतिशत हैं। भारत में हर साल एक लाख से ज्यादा लोग गुम हो जाते हैं।

परिचर्चा में उत्थान, विमुक्ति, आजाद शक्ति अभियान, बंधन मुक्ति और वर्कर सर्वाइवर सपोर्ट ग्रुप जैसे विभिन्न सर्वाइवर समूहों के सर्वाइवर्स ने मानव-तस्करी से जुड़े अपने-अपने अनुभव साझा किए।

उन्होंने बताया कि उन्हें यौन-शोषण, बंधुआ मजदूरी, जबरन विवाह और मानव-तस्करी के अन्य रूपों में प्रताड़नाएं झेलनी पड़ीं। सर्वाइवर्स ने मौजूदा कानूनों की उन बड़ी कमजोरियों की तरफ भी ध्यान खींचा, जिनके चलते उनके छुटकारे के बाद भी उन्हें अधिक पीड़ा झेलनी पड़ती है। सर्वाइवर्स ने राज्यसभा सदस्यों से इस शीतकालीन सत्र में मानव-तस्करी (बचाव, सुरक्षा एवं पुनर्वास) विधेयक, 2018 पारित कराने की अपील की। उक्त विधेयक में स्वैच्छिक पुनर्वास एवं पीड़ित सुरक्षा हेतु कड़े प्रावधान हैं।


प्रयास के संस्थापक महासचिव आमोद के. कंठ ने कहा, “अब समय आ गया है कि मानव-तस्करी के जटिल संगठित अपराध से निपटने हेतु भारतीय कानूनों में आवश्यक प्रावधान हों। हम सरकार को धन्यवाद देते हैं, जिसने ऐसे व्यापक एवं मजबूत कानून का प्रारूप तैयार किया, जिसमें इस अपराध से निपटने हेतु जरूरी प्रावधान हैं और जो पीड़ितों के हितों की रक्षा करता है।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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