इस समय पूरा देश कोरोना वायरस के प्रकोप में जी रहा है। कोरोना वायरस के चलते यहां पर कई मौतें हो चुकी है। हालांकि इस बीच ऐसी भी कई मौतें हुई हैं जब कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति का इलाज नहीं किया गया है। इसी तरह बिहार (Bihar) की राजधानी पटना से एक लापरवाही का मामला सामने आया है। पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IGIMS) अस्पताल में एक वृद्ध महिला की कोरोना वायरस के इलाज के बिना ही मौत हो गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृत महिला पिछले कई दिनों से अस्पताल के मेडिसिन विभाग में भर्ती थी और उसे सांस लेने में तकलीफ थी। हालांकि उसकी बीमारी का लक्षण देख उसे कोरोना संदिग्ध माना जा रहा था। तीन दिन पहले ही अस्पताल के डॉक्टर ने कोरोना की जांच के लिए कहा था, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने महिला की जांच नहीं की, टालता रहा। आज सुबह महिला ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। उसकी मौत के बाद उसके परिजन अस्पताल में हंगामा कर रहे हैं और अस्पताल प्रशासन पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।
अस्पताल के मेडिसिन वार्ड में भर्ती पालीगंज निवासी 70 वर्ष ललिता देवी बुधवार से एक-एक सांस के लिए जूझ रही थी। उन्हें सांस लेने में परेशानी थी और चिकित्सक ने कोरोना जांच कराने को लिखा था। बुधवार से महिला के घरवाले उसकी स्थिति और कोरोना जांच में हो रही देरी को देखकर परेशान थे। इससे पहले भी इलाज के लिए आई महिला अस्पताल में जब बेहोश हो गई तो भर्ती होने के 36 घंटे बाद उसका इलाज शुरू किया गया।
मृत महिला के घरवालों का कहना है कि लिता देवी को बुधवार की सुबह आठ बजे भर्ती कराया गया था। अस्पताल प्रशासन ने मेडिसिन विभाग में भेज दिया। 24 घंटे तक कोरोना जांच की आस में ललिता पड़ी रहीं। निदेशक डॉ.एनआर विश्वास का कहना है कि कोरोना की जांच नहीं होगी। वहीं दूसरी ओर बुधवार को अधीक्षक डॉ.मनीष मंडल का कहना था कि कोरोना की जांच होगी। इस तरह अस्पताल की लापरवाही ने महिला की जान ले ली ।