मप्र के नीमच में अनोखी पहल, पंचायतों में बन रहे हैलमेट बैंक

  • Follow Newsd Hindi On  

नीमच, 5 फरवरी (आईएएनएस)| ‘हैलमेट बैंक’, यह सुनने में अजीब लग सकता है, मगर मध्यप्रदेश के नीमच जिले की ग्राम पंचायतों में सचमुच हैलमेट बैंक शुरू किए गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि ये बैंक दुपहिया वाहन सवारों की सड़क हादसों में होने वाली मौतों को रोकने में मददगार साबित होंगे।

पिछले दिनों पुलिस द्वारा कराए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि दुपहिया वाहन सवार हाईवे पर सबसे ज्यादा हादसे का शिकार होते हैं, क्योंकि वे वाहन चलाते समय हैलमेट का उपयोग नहीं करते।


पुलिस अधीक्षक राकेश सगर ने आईएएनएस को बताया है कि इस अध्ययन के आधार पर प्रशासन ने तय किया कि अगर सभी ग्राम पंचायतों में हैलमेट उपलब्ध करा दिए जाएं तो हादसों में मौत का शिकार बनने वालों के आंकड़े को कम किया जा सकता है। इसी के चलते ग्राम पंचायतों को 10-10 हैलमेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि विधायक निधि से दो लाख रुपये की मदद मिली, वहीं विभिन्न उद्योगों ने भी सीएसआर के तहत राशि दी। इस राशि से हैलमेट खरीदे गए और ग्राम पंचायतों को दिए जा रहे हैं। पहले अनुसूचित जाति, जनजाति की ग्राम पंचायतों को हैलमेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

एसपी ने पिछले साल सड़क हादसों में हुई मौतों का जिक्र करते हुए बताया कि अध्ययन में यह बात सामने आई कि नगर पालिका क्षेत्र में सिर्फ एक व्यक्ति ही मौत का शिकार हुआ, जबकि शेष 79 हाईवे पर सड़क हादसे का शिकार बने, जो दुपहिया वाहन सवार थे। इससे लगता है कि अगर दुपहिया वाहन सवार हैलमेट का उपयोग करें तो मौत के आंकड़े को कम किया जा सकता है।


वाहन सवारों को पंचायत से एक निर्धारित राशि जो सुरक्षा निधि (सेक्युरिटी मनी) होती है, देने पर दिनभर के लिए हैलमेट दिया जाता है। ग्राम पंचायत जयसिंहपुरा के सचिव राजेश जाट ने बताया कि 50 रुपये जमाकर कोई भी वाहन चालक दिनभर के लिए हैलमेट ले जा सकता है। हैलमेट की वापसी पर जमा की गई राशि उसे लौटा दी जाती है।

वाहन चालक ग्रामीण दीपक पुलिस की पहल का स्वागत करते हुए कहा, “इससे जहां एक ओर लोगों में जागरूकता आएगी, वहीं उन्हें सुरक्षा भी हासिल होगी और दुर्घटना में की आएगी।”

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि बीते दो साल में देश में लगभग एक लाख लोगों को हैलमेट नहीं पहनने के कारण जान गंवानी पड़ी है। नीचम की तरह अन्य स्थानों पर भी इसी तरह की पहल की जाए तो सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर काफी हद तक अंकुश लग सकेगा।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)