मप्र में अवैध खनन, परिवहन पर दर्ज होगा चोरी का मामला

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भोपाल, 24 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा अवैध खनन, परिवहन और संग्रहण पर चोरी का मामला दर्ज किए जाने के आदेश को उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने सही ठहराया है। इस आदेश के आधार पर दो संभागों- जबलपुर और नर्मदापुरम के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने उच्च न्यायालय के आदेश का अक्षरश: पालन का निर्देश दिया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मंदसौर के न्यायाधीश समीर मिश्रा ने अवैध खनन, परिवहन और संग्रहण के कार्य में जब्त किए गए वाहनों के मामले में धारा 379 चोरी और धारा 414 चोरी का सामान छुपाने के तहत प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इस फैसले के खिलाफ इंदौर उच्च न्यायालय की खंडपीठ में अपील की गई। इस पर न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने मामले का निपटारा करते हुए सभी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अवैध खनन से जुड़े जितने भी मामले हैं, उन पर मंदसौर के निर्णय के आधार पर कार्रवाई करें।


नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने दोनों संभागों के सभी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह के आदेश का अक्षरश: पालन करें। साथ ही अवैध खनन, परिवहन और भंडारण के जो भी मामले हैं, उन्हें अपने स्तर पर जांच कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष जानकारी प्रस्तुत करें। इसके अलावा अवैध खनन के मामलों में पेनाल्टी के साथ धारा 379 और धारा 414 के तहत भी मामले दर्ज किए जाएं।

पटेल ने अपने पत्र में उच्च न्यायालय इंदौर के न्यायाधीश के आदेश की प्रति भी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों को भेजी है। पटेल के अनुसार, न्यायाधीश के 11 मई को जारी आदेश में कहा गया है कि सीजेएम को ऐसे सभी मामलों, जिसमें पेनाल्टी लगाकर अवैध खनन में लिप्त वाहनों और अभियुक्तों को छोड़ दिया गया था, ऐसे सभी मामलों में मंदसौर के न्यायाधीश की भांति भारतीय दंड संहिता की धारा 379, 414 और तीन-21 एमएमडीआर एक्ट के तहत मामले दर्ज किए जाएं।

ज्ञात हो कि मंदसौर में अवैध खनन, परिवहन और संग्रहण के मामलों में जब्त किए गए वाहनों को जिला प्रशासन ने पेनाल्टी लगाकर छोड़ दिया था। इन मामलों पर सीजेएम समीर मिश्रा ने धारा 379, 414 के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इस आदेश के खिलाफ पीड़ित पक्ष ने इंदौर उच्च न्यायालय में अपील की थी।


–आईएएनएस

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