मप्र में गुना से चुनाव लड़ सकती हैं ‘महारानी’

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 भोपाल, 5 फरवरी (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सबसे मजबूत और सुरक्षित लोकसभा क्षेत्रों में से एक गुना से सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बतौर पार्टी महासचिव पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद उनकी पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया को गुना संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाए जाने के आसार बनने लगे हैं।

 कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रियदर्शिनी को लोकसभा चुनाव में उतारने की मांग भी कर डाली है।


गुना संसदीय क्षेत्र पर सिंधिया राजघराने के सदस्यों का लंबे अरसे से कब्जा है। इस संसदीय क्षेत्र से राजमाता विजयराजे सिंधिया और बेटे माधवराव सिंधिया के बाद उनके बेटे ज्योतिरादिज्य सिंधिया चुनाव जीतते आए हैं। इस संसदीय क्षेत्र में अब तक कुल 14 लोकसभा चुनाव हुए, जिनमें कांग्रेस नौ, भाजपा चार और बहुत पहले एक बार जनसंघ की जीत हुई थी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस महासचिव बनाए जाने के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 40 संसदीय क्षेत्रों का प्रभारी बनाया गया है। बड़ी जिम्मेदारी मिलने के चलते सिंधिया की सक्रियता अब गुना की बजाय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा रहने के आसार हैं। इसी को ध्यान में रखकर कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते हैं कि ज्योतिरादित्य अपनी बड़ी जिम्मेदारी का बेहतर तरीके से निभाएं, लिहाजा गुना संसदीय क्षेत्र से महारानी प्रियदर्शिनी राजे को कांग्रेस उम्मीदवार बनाया जाए।

इस संसदीय क्षेत्र के गुना व बमौरी विधानसभा क्षेत्रों के पदाधिकारियों की बैठक सोमवार को संसदीय क्षेत्र प्रभारी राजेंद्र भारती की मौजूदगी में हुई थी। इस बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी हाईकमान को भेजा गया है। प्रस्ताव में ज्योतिरादित्य की बढ़ने वाली व्यस्तता के चलते प्रियदर्शिनी को उम्मीदवार बनाने की मांग की गई है।


प्रदेश कांग्रेस महासचिव योगेंद्र लुंबा ने मंगलवार को आईएएनएस से बातचीत में स्वीकार किया कि पदाधिकारियों की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि ज्योतिरादित्य का किसी अन्य स्थान पर उपयोग किए जाने की स्थिति में पार्टी प्रियदर्शिनी राजे को गुना से उम्मीदवार बनाए। यह प्रस्ताव लोकसभा के पर्यवेक्षक राजेंद्र भारती की मौजूदगी में पारित कर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भेजा गया है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि सिंधिया ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए हर स्तर पर प्रभारियों की तैनाती कर दी है, जिम्मेदारियों का बंटवारा भी हो चुका है। जिन नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है, उन्होंने बैठकों का दौर भी शुरू कर दिया है।

क्षेत्रीय राजनीतिक विश्लेषक रंजीत गुप्ता का कहना है कि गुना संसदीय क्षेत्र लंबे अरसे से सिंधिया राजघराने का प्रभाव वाला क्षेत्र रहा है, यहां से सिंधिया राजघराने का सदस्य या उनके समर्थन से जिसने भी चुनाव लड़ा, उसे जीत मिलती रही है।

उन्होंने कहा कि राजघराने की बहू प्रियदर्शिनी अगर चुनाव लड़ती हैं तो कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होने वाला। यहां तो जीत का सेहरा उसी के सिर बंधता है, जिसे सिंधिया राजघराने का साथ मिलता है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के जयभान सिंह पवैया और वर्ष 2009 के चुनाव में नरोत्तम मिश्रा (पेड न्यूज मामले से चर्चित) को शिकस्त दी थी। ज्योतिरादित्य ने लोकसभा का पहला चुनाव पिता माधवराव सिंधिया का निधन होने पर वर्ष 2002 में लड़ा था। यह उपचुनाव था।

गुना वह संसदीय क्षेत्र है, जहां कांग्रेस ने वर्ष 2014 में ‘मोदी लहर’ के बावजूद जीत दर्ज की थी। राज्य में गुना और छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र कांग्रेस के गढ़ के तौर पर पहचाने जाते हैं। पिछले चुनाव में राज्य की 29 सीटों में से सिर्फ दो ही कांग्रेस जीत सकी थी।

गुना संसदीय क्षेत्र से सिंधिया राजघराने की तीन पीढ़ियां चुनाव लड़ चुकी हैं। विजयराजे सिंधिया (भाजपा), माधवराव व ज्योतिरादित्य सिंधिया (कांग्रेस) यहां से चुनाव जीते हैं। इस संसदीय क्षेत्र से अगर प्रियदर्शिनी चुनाव लड़ती हैं तो सिंधिया परिवार का एक और सदस्य सियासी मैदान में आ जाएगा।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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