दुनिया भर में कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस्लामिक संस्था जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी व ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने मिलकर मुसलमानों से जुमे की नमाज मस्जिदों में इकट्ठा होकर ना पढ़ने के बजाए घरों में पढ़ने की अपील की है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अरशद मदनी ने कहा है कि सतर्कता और जागरूकता ही सिर्फ एक तरीका है जिससे कोरोना महामारी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जमीयत-उलेमा-ए-हिंद कोरोना से लड़ने के लिए लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने की सभी से गुजारिश करती है और इस दौरान सभी से खुले दिल से गरीबों और बेसहाय लोगों की मदद करने की अपील की है।
मौलाना मदनी ने कोरोना की गंभीरता को समझाते हुए आगे कहा कि इस वक़्त देश कठिनाईयो से गुजर रहा है और सभी को एकजुट होकर लड़ना होगा। नमाज अदा करने को लेकर मौलाना मदनी ने कहा है सम्पूर्ण देश में इस वक़्त लॉकडाउन है इसलिए मुसलमानों को मस्जिदों के बजाय अपने अपने घरों में नमाज अदा करनी चाहिए और मस्जिद में इमाम सहित केवल चार लोग (इमाम, मुअज्जिन, खादिम) ही जुमे की नमाज पढ़े।
जुमा के अलावा इमाम, खादिम, मुअज्जिन अजान देकर मस्जिद में पाचो वक़्त की नमाज जमात के साथ अदा करें और बाकी लोग अपने अपने घरों में नमाज पढ़े।इसी तरह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी देश के मुसलमानों से जुमे की नमाज के लिए मस्जिदों में ना जाने की अपील की है और कहा कि कोरना वायरस (Coronavirus) के मद्देनजर घर पर ही नमाज पढ़ें।
ऑल इंडियाल मुस्लिन पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB)ने कहा कि एक साथ अदा की जाने वाली नमाज के लिए मुसलमान अपने घर से बाहर ना निकले और घरों में ही रहे अपने साथ ही नागरिकों को कोरोना वायरस के खतरे से बचाने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम है।
इसी तरीके से उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी 30 से अधिक उलेमा ने एक पत्र पर हस्ताक्षर कर सहमति जताई है कि वह जुमे की नमाज की बजाए घर पर ही रह कर जोहर की नमाज अदा करें।
दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मुकर्रम अहमद ने कहा कि इस समय जरूरत है कि सभी मुसलमान घरों पर ही नमाज अदा करें और कोरोनावायरस (Coronavirus) लॉकडाउन को लेकर सरकार द्वारा जो सलाह दी जा रही है उसका पालन किया जाए।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा भारत में 21 दिन के लिए लॉक डाउन का आदेश दिया गया है लेकिन इसके बावजूद भी इन 2 दिनों में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे में यदि जुमे की नमाज के दौरान कोई भी कोरोना वायरस पॉजिटिव व्यक्ति मस्जिद में पहुंच गया तो इससे बड़ी मात्रा में संक्रमण फैलने की आशंका है।