National Epilepsy Day 2020: डॉक्टरी भाषा में मिर्गी को एपिलेप्सी के नाम से जाना जाता है। हर साल 17 नवंबर को इससे पीड़ित लोगों के साथ उनके परिवार को भी मिर्गी के प्रति जागरूक करने के लिए नेशनल एपिलेप्सी डे मनाया जाता है।
आमतौर पर कई लोगों को ऐसा लगता है कि मिर्गी सिर्फ एक ही तरह की होती है। लेकिन डॉक्टरों के अनुसार, मिर्गी को एक नहीं बल्कि मोटे तौर पर 4 तरह से बांटा जा सकता है। आइए जानते हैं आखिर क्या होती है मिर्गी और क्या हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीके।
मिर्गी एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें मरीज के दिमाग में असामान्य तरंगें पैदा होने लगती हैं। दिमाग में गड़बड़ी होने के कारण व्यक्ति को बार-बार दौरे पड़ने लगते हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा जाता है और उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है।
डॉक्टरों के अनुसार, इसका प्रभाव शरीर के किसी एक हिस्से पर देखने को मिल सकता है, जैसे चेहरे, हाथ या पैर पर। मिर्गी के दौरों में तरह-तरह के लक्षण होते हैं, जैसे कि बेहोशी आना, गिर पड़ना, हाथ-पांव में झटके आना।
National Epilepsy Day 2020: मिर्गी के लक्षण
– आंखों के आगे अंधेरा छा जाना
– शरीर का अकड़ जाना
– मुंह से झाग आना
– अचानक गिर जाना
– बेहोश हो जाना
– आंखों की पुतलियों का ऊपर की तरफ खिंचना
– हाथ या पैर का लगातार चलना या झटके से लगना
– होंठ या जीभ काट लेना
National Epilepsy Day 2020: मिर्गी से बचाव के तरीके
-साइकिल चलाते समय हेलमेट पहनकर रखें।
-पर्याप्त नींद लेना
-अल्कोहल या नशीली दवाओं का अधिक सेवन करने से बचें।
-तेज चमकती रोशनी से बचें।
-तनाव से दूर रहें।
-कोशिश करें कि टीवी और कंप्यूटर के आगे ज्यादा देर तक न बैठें।