ओटीटी को निश्चत मात्रा में महत्व मिलेगा : सुजॉय घोष

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मुंबई, 17 मई (आईएएनएस)। फिल्मकार सुजॉय घोष सिनेमा की ताकत और बड़े पर्दे पर फिल्में देखने में विश्वास रखते हैं, लेकिन उनका यह भी मानना है कि कोरोनोवायरस महामारी के कारण शोबिज में व्यवधान के मद्देनजर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की ओर भी रुख करने का यह सही वक्त है।

उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि कोविड का फिल्मों या ओटीटी से कोई लेना-देना है। मुझे याद है कि मेरे बड़े होने के दौरान, हमारे पड़ोस में पुस्तकालय था, जिनमें बहुत सारी किताबें थीं। आपको अपनी पसंद की पुस्तक पढ़ने के लिए सदस्यता प्राप्त करने की आवश्यकता थी। लेकिन इसने आपको किताब खरीदने से कभी नहीं रोका।”


उन्होंने आगे कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से सिनेमा में विश्वास करता हूं और सिनेमा देखते हुए बड़ा हुआ हूं। मुझे थिएटर जाना पसंद है और हमेशा वहां जाकर सिनेमा देखने का आनंद लेना हमें पसंद आएगा। हमें एक निश्चित सीमा तक उनका समर्थन करना होगा। यह कहने के बाद, मुझे यह भी पता नहीं है कि मेरे लिए अपनी फिल्म को लेकर प्रतीक्षा करना और उसे रोके रखना कितना आसान है और फिल्म को इसकी क्या कीमत चुकानी होगी। मैं अपनी बेटी और बेटे को देखता हूं कि वे अपने लैपटॉप पर उनकी पसंद की चीजों को देखने के आदी हैं। मुझे नहीं पता कि यह कहां से आया है लेकिन यह सह-अस्तित्व में है। ओटीटी को निश्चित मात्रा में महत्व मिलेगा।”

इंडस्ट्री पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव के बारे में बात करते हुए, फिल्मकार मुकेश भट्ट ने कहा, “चुनौतीपूर्ण समय सबसे अच्छा समय होता है। आपको इस तरह की स्थिति में डाल दिया जाता है जो नियंत्रण करने की आपकी क्षमता से बहुत परे है।”

मुकेश ने कहा, “मुझे लगता है कि यह हम सभी के लिए यह एक बेहतरीन समय है कि इससे कुछ अधिक नया या क्रिएटिव चीजें निकल कर सामने आए और यह आने वाले वर्षों के लिए यह चारा बनने वाला है। मैं जो कुछ भी बनाना चाहता हूं, उसे बनाने से मुझे कोई रोकता नहीं है और इसे पसंद किया जाएगा, क्योंकि एक दर्शक ऐसी कहानियां देखना चाहता है जो अलग-अलग हों और मानव हृदय में हलचल पैदा करने वाली हों।”


–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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