कराची, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान के सिंध प्रांत की सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए रमजान के महीने में सभी तरह के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा दी है। इनमें हजरत अली के शहादत दिवस पर निकलने वाले सभी जुलूस व सभी महफिल-ए-शबीना (एक ही रात में पूरी कुरान का पाठ करते हुए पढ़ी जाने वाली नमाज) शामिल हैं।
पाकिस्तान में कोरोना वायरस का तेजी से प्रसार हो रहा है और सिंध प्रांत इससे सर्वाधिक प्रभावित जगहों में से एक है। इसी के मद्देनजर सिंध सरकार ने संघीय सरकार व उलेमा के बीच रमजान में मस्जिदों में सामूहिक नमाज की अनुमति देने के फैसले को प्रांत में नहीं लागू करने का फैसला किया था। अब, इस फैसले के बाद प्रांत में रमजान के महीने में सभी तरह के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाने का फैसला किया गया है।
सिंध के गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि ‘जो फर्ज (अनिवार्य) है, उनको छोड़कर और किसी भी धार्मिक आयोजन की प्रांत में अनुमति नहीं है।’
अधिसूचना में कहा गया है, “शहादत-ए-इमाम (हजरत अली का शहादत दिवस) पर किसी भी मजलिस या जुलूस, महफिल-ए-शबीना, किसी भी धार्मिक सभा-रैली जिनमें लोगों का एकत्र होना अवश्यंभावी है, इनके आयोजन की अनुमति नहीं है।”
रमजान के महीने में पड़ने वाले हजरत अली के शहादत दिवस पर हर साल पूरे पाकिस्तान में जुलूस निकाले जाते हैं जिनमें लाखों की संख्या में लोग हिस्सा लेते हैं। विशेषकर शिया समुदाय द्वारा इन जुलूसों और इस अवसर पर मजलिसों का आयोजन किया जाता है।
–आईएएनएस