पैनिक बटन दबाते ही पुलिस तक पहुंचेगी मुसीबत में फंसी महिलाओं की आवाज

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वाराणसी, 3 जून (आईएएनएस)। बंद घरों में होने वाली हिंसा के खिलाफ पैनिक बटन अहम भूमिका निभाएगा। इसको दबाते ही नजदीकी लोगों के पास संकेत जाएगा और वे मदद के लिए फौरन चले आएंगे। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर वाराणसी में युवा वैज्ञानिक अंजलि श्रीवास्तव ने घरेलू हिंसा से निपटने के लिए पैनिक बटन बनाया है। इस बटन को दबाकर महिलाएं पुलिस व अपने नजदीकी लोगों की मदद ले सकेंगी।

अंजलि श्रीवास्तव ने इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन में बीटेक किया है। इससे पहले भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए वह कई उपकरण बना चुकी हैं। अंजलि ने आईएएनएस को बताया कि इस डिवाइस को रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिये जीपीएस तकनीक से जोड़कर तैयार किया गया है। इसमें एक से लेकर पांच आपातकाल पैनिक बटन जोड़े जा सकते हैं। यह 100 मीटर की रेंज पर काम करेगा। इसकी बैटरी करीब 8 माह तक चल सकती है। यह बटन बहुत छोटी है। इसे महिलाएं अपनी सुविधानुसार बेडरूम, बाथरूम में कहीं भी रख सकती हैं।


यह बटन 2,500 रुपये में बनकर तैयार हो गया है। जरूरत पड़ने पर इस बटन को दबाने से इसका संदेश पुलिस तक पहुंच जाएगा। जीपीएस के माध्यम से पुलिस को पहुंचने में आसानी होगी। इसमें ऑडियो रिकॉर्डिग भी हो जाती है, जो बाद में सबूत के तौर पर काम करेगी। यह डिवाइस गृहणियों और पीजी में रहने वाली युवतियों और छात्राओं के मुसीबत में फंसने पर काफी काम आ सकती है।

गोरखपुर के वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया, “इस प्रकार की डिवाइस महिला अपराध को रोकने में सहायक होती है। यह इनोवेशन अच्छा है। इससे घर में रहने वाली महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा रुकेगी। इसमें अच्छे फंक्शन लगाए गए हैं।”

अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंचार्ज श्याम चैरसिया ने बताया, “अंजलि श्रीवास्तव पहले भी कई ऐसे उपकरण बना चुकी हैं। इससे पहले इन्होंने एंटी रेप जींस, शांकिंग ग्लब्स आदि बनाए थे। यह डिवाइस महिला सुरक्षा की ²ष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। खासकर कोरोनाकाल में यह काफी कारगर साबित होगी।”


–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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