पटना, 8 फरवरी (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) की पुनर्विकास परियोजना का शिलान्यास करते हुए कहा कि इस विश्वस्तरीय अस्पताल में सभी बीमारियों का इलाज होगा। उन्होंने कहा कि मजबूरी में इलाज के लिए किसी को बिहार के बाहर नहीं जाना पड़े, ऐसी व्यवस्था की जा रही है।
इस अस्पताल को पुनर्विकसित करने में 5540 करोड़ रुपए की लागत आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अस्पताल में सभी बीमारियों का इलाज होगा और अनुसंधान कार्य भी किए जाएंगें।
उन्होंने कहा कि, इस योजना के पूर्ण होने में सात वर्ष लगेगा, लेकिन मेरी इच्छा है कि इसे पांच वर्ष में पूरा कर लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएमसीएच को विश्वस्तरीय बनाने के लिए तेजी से काम किया गया। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई। इसका निर्माण कार्य तीन चरणों में होगा, लेकिन इससे पीएमसीएच का कार्य प्रभवित नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि यहां चिकित्सकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं के रहने के लिए आवास का बेहतर निर्माण भी किया जाएगा। उन्होंने सरकार से हर संभव मदद देने का वादा करते हुए कहा कि जितने संसाधन की जरुरत होगी, सब उपलब्ध कराए जाएंगे।
निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण हो यह सर्वोच्च प्राथमिकता है। यहां हेलिकप्टर के भी उतरने की व्यवस्था होगी, जिससे गंभीर स्थिति वाले मरीजों को यहां लाने में सुविधा हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनएमसीएच, एसकेएमसीएच और एएनएमसीएच में भी बेड की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा, हमलोगों का उद्देश्य है कि किसी को भी इलाज के लिए बिहार से बाहर जाना न पड़े।
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में किए गए कार्यो के लिए सभी चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों का अभिनंदन किया।
उन्होंने कहा कि दुनिया में कोरोना से जितने लोगों की मौत हुई, उसकी तुलना में अपने देश में मरीजों की मौत कम हुई। देश में कोरोना से मृत्यु की दर 1.44 प्रतिशत रही जबकि बिहार में कोरोना से मृत्यु दर 0.58 प्रतिशत रही। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सही समय पर कोरोना वैक्सीन का निर्माण करवाने के लिए धन्यवाद दिया।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, पटना साहिब के सांसद और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी लोगों को संबोधित किया।
–आईएएनएस
एमएनपी/एएनएम