नई दिल्ली, 8 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं उत्तराखंड से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक सोमवार को उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से हुई त्रासदी वाले क्षेत्र में पहुंचे। निशंक ने यहां राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया। इसके साथ ही उन्होंने प्रभावित स्थानीय निवासियों से मुलाकात की। निशंक ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि गांव के अंदर ही सभी लोगों को खाद्यान्न एवं स्वास्थ्य सुविधाएं तुरंत उपलब्ध कराई जाएंगी। निशंक ने यहां रैणी गांव की प्रधान से मिलकर पूरी समस्याओं की जानकारी भी ली।
सेना के अधिकारियों ने निशंक को बताया कि यहां टनल में कई लोगों के अभी भी फंसे होने की आशंका है। टनल करीब डेढ़ सौ मीटर आगे जाकर मलबे के कारण बंद हो गई है। इसके बीच में लोगों के फंसे होने की आशंका है। केंद्रीय मंत्री निशंक के मुताबिक यह सुरंग करीब ढाई किलो मीटर लंबी है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से प्राकृतिक आपदा आई है। इसमें सभी एजेंसियों एवं प्रशासन द्वारा राहत तथा बचाव कार्य किए जा रहे हैं। प्रभावित स्थलों पर अधिकारी मौजूद हैं। यहां पहुंचकर निशंक ने कहा कि मैं सभी नागरिकों को पूर्ण सहायता के लिए आश्वस्त करता हूं तथा ईश्वर से सबकी कुशलता की कामना करता हूं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, देवभूमि उत्तराखंड के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से जो प्राकृतिक आपदा आई है, उसमें हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता लोगों का जीवन बचाने की है। चिपको आंदोलन की प्रणेता एवं महान पर्यावरणविद् गौरा देवी जी की कर्मभूमि भी यही गांव है। इस प्रकार की प्राकृतिक आपदा अपने साथ दूसरे संकटों को भी लेकर आती है, जिसके संदर्भ में गांव की प्रधान से मिलकर पूरी समस्याओं की जानकारी ली। प्रशासन के साथ मिलकर सभी समस्याओं को यथाशीघ्र दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
रविवार को उत्तराखंड के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा के संकट से निपटने के लिए सेना, एनडीआरएफ की टीमें, इंजीनियर एवं अन्य सभी एजेंसियां कार्य कर रही हैं। इस दौरान प्रभावित स्थल पर रेस्क्यू कार्य में लगे सेना के अधिकारियों ने निशंक को वास्तविक स्थिति से अवगत करवाया।
–आईएएनएस
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