पुलिस ने गला दबाकर मुझे गिराया, धक्का-मुक्की की : प्रियंका गांधी

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लखनऊ, 28 दिसंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने यहां शनिवार को कहा कि जब वह गिरफ्तार पूर्व पुलिस अधिकारी एस.आर. दारापुरी के घर सांत्वना देने जा रही थीं तो स्थानीय पुलिस ने उनके काफिले को रोका और वह कार से उतरकर पैदल जाने लगीं, तब गला दबाकर उन्हें गिरा दिया और धक्का-मुक्की की। प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा, “मैं नए नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार किए गए सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर एस़ आऱ दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने पार्टी के राज्य मुख्यालय से निकली थी। रास्ते में पुलिस ने मुझे रोक लिया।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी, तब मुझे घेरा गया और एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाया। मुझे धक्का दिया गया और मैं गिर गई। आगे चलकर फिर मुझे पकड़ा तो मैं एक कार्यकर्ता के टूव्हीलर से निकली। उसे भी गिरा दिया गया।”


प्रियंका ने कहा कि दारापुरी 77 साल के पूर्व पुलिस अधिकारी हैं। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन के लिए फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने कहा, “मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं। यह मेरा सत्याग्रह है। भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है। मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं उत्तर प्रदेश में कहां जाऊंगी और कहां नहीं जाऊंगी, ये भाजपा सरकार तय नहीं करेगी।”

दारापुरी के परिजन से मुलाकात के बाद उनके घर से निकलीं प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा, “मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं था, ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आएं। फिर भी मेरी गाड़ी रोकी गई। तब मैं पैदल चलने लगी। इनके पास मुझे रोकने का कोई हक नहीं है। अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें।”


यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार को लगता है कि आपकी वजह से उसकी राजनीति को खतरा है? प्रियंका ने कहा “सबकी राजनीति को खतरा है।”

प्रियंका गांधी दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंची हैं। वह गिरफ्तार किए गए पूर्व आईपीएस एस.आर. दारापुरी के परिजनों से मिलने इंदिरानगर स्थित उनके घर रवाना हुईं। उनके काफिले को पोलीटेक्निक चौराहे पर पहुंचते ही पुलिस ने रोक लिया। वह गाड़ी से उतरकर पैदल मार्च करते हुए आगे बढ़ीं। उस दौरान भी उन्हें रोकने की कोशिश की गई, तब वह एक कार्यकर्ता की स्कूटी पर सवार होकर दारापुरी के घर पहुंच गईं।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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