राणा ने किसी गड़बड़ी से किया इंकार, 11 मार्च तक ईडी की हिरासत में (लीड-4)

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 मुंबई, 8 मार्च (आईएएनएस)| वित्तीय संकट झेल रहे निजी क्षेत्र के बैंक यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर इस समय प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं।

  पहले ही दिन की हिरासत ने उनकी आंखों में आंसू ला दिए। डबडबाई आंखों से उन्होंने कोई भी गलत काम करने से इंकार किया। रविवार को विशेष अदालत ने उन्हें 11 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया। लगभग 30 घंटे तक ईडी की कड़ी पूछताछ के बाद तड़के सुबह करीब 4 बजे गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पांच दिन की रिमांड मांगने के लिए उन्हें हॉलीडे कोर्ट में पेश किया गया। उन पर धन शोधन निवारण अधिनियम और अन्य प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं।


ईडी के वकील सुनील गोंजाल्विस ने अदालत को बताया कि उन्होंने कपूर और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व-प्रमोटरों के खिलाफ एक ताजा मामला दर्ज किया है।

उन्होंने कहा कि यस बैंक ने डीएचएफएल से 3,700 करोड़ रुपये के डिबेंचर खरीदे हैं, जिसके खिलाफ कंपनी को लगभग 40 करोड़ रुपये की कोलेटरल सुरक्षा के साथ 600 करोड़ रुपये के ऋण दिए गए थे।

ईडी ने कहा कि 4,300 करोड़ रुपये की सार्वजनिक धनराशि कंपनी ने आपराधिक तरीके से कमाई की। डीएचएफएल ने डूएट अर्बन वेंचर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 600 करोड़ रुपये का ऋण दिया, जिसके संस्थापक कपूर हैं और उनकी बेटियां इसमें 100 प्रतिशत की शेयरधारक हैं।


ईडी के वकील ने आगे दलील दी कि डीएचएफएल के साथ गिरवी रखी गई संपत्ति का मूल्य 600 करोड़ रुपये था, जिसे कवर-अप ऋण के तहत 750 करोड़ रुपये तक पहुंचाया गया था। इतना ही नहीं कपूर द्वारा इस धन का इस्तेमाल निजी उद्देश्यों के लिए किया गया और इस प्रकार कपूर और डीएचएफएल के बीच हुए सौदे में आपराधिक साजिश हुई।

ईडी ने कपूर और उनके परिवार के सदस्यों की भूमिका स्थापित करने के लिए उसकी हिरासत मांगी थी।

खुद का बचाव करते हुए, कपूर ने कहा कि डीएचएफएल एक एएए-रेटेड कंपनी थी, जबकि उनकी बेटियों की कंपनी (डीयूवीआईपीएल) द्वारा लिए गए परफॉर्मिग लोन पर 130 करोड़ रुपये का ब्याज था, जिसकी पूंजी 300 करोड़ रुपये थी।

लिहाजा कोई गलत काम नहीं होने का दावा करते हुए, कपूर ने कहा कि डीएचएफएल को पुनर्भुगतान में देरी नहीं हुई। उधर ईडी ने दलील दिया कि डीयूवीआईपीएल के पास कोई उचित व्यवसाय नहीं था।

ईडी की याचिका का विरोध करते हुए, कपूर के वकील ने दलील दिया कि कि यस बैंक बुक आफ अकाउंट कोई फोरेंसिक ऑडिट नहीं हुई और जनता के गुस्से को देखते हुए ईडी उसे (कपूर) निशाना बना रहा था।

13 मार्च तक हिरासत की मांग करते हुए, ईडी ने कहा कि कपूर जांच में सहयोग नहीं कर रहा, इस पर बैंकर ने कहा कि वह अपने बैंक को खो देने के बाद परेशान था और चिकित्सा उपचार ले रहा था।

उसने आश्वासन दिया कि वह कहीं भी भागने की योजना नहीं बना रहा है, और ईडी उसका पासपोर्ट ले सकता है। कथित तौर पर ईडी ने रविवार सुबह उसका पासपोर्ट वापस कर दिया है।

आरबीआई द्वारा यस बैंक के बोर्ड को बर्खास्त करने और उसके संचालन पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने के बाद पिछले चार दिनों में तेजी से हुए घटनाक्रम हुए। ईडी के अधिकारियों ने पिछले दो दिनों में वर्ली के समुद्र महल स्थित कपूर के घर पर छापा मारा।

रविवार को गिरफ्तारी से पहले उसे विस्तृत जांच और रात भर पूछताछ के लिए शनिवार को बल्लार्ड पियर स्थित ईडी कार्यालय ले जाया गया।

यह छापे मुख्य तौर पर डीएचएफएल के साथ उन कंपनियों के सौदों को लेकर मारे गए हैं, जिनके संस्थापक दो भाई धीरज वधावन और कपिल वधावन हैं।

कपूर के अलावा उनकी पत्नी बिंदू, उनकी तीन बेटियां राखी कपूर-टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर भी प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर हैं।

संयोग से, कपिल और धीरज वधावन के चाचा राकेश वधावन और उनके चचेरे भाई सारंग वधावन उन प्रमुख अभियुक्तों में शामिल हैं जिन्हें पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसीएच बैंक) में गिरफ्तार किया गया था जो सितंबर 2019 में बंद हो गया था।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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