कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार आपदा के समय में भी गरीबों से मुनाफा वसूलने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। राहुल ने कहा कि जब देश में बीमारी के ‘बादल’ छाए हैं तब भी इंडियन रेलवे मुनाफा कमाने में जुटी है। राहुल गांधी एक रिपोर्ट पर ट्वीट करते हुए ये टिप्पणी की।
बीमारी के ‘बादल’ छाए हैं, लोग मुसीबत में हैं, बेनिफ़िट ले सकते हैं – आपदा को मुनाफ़े में बदल कर कमा रही है ग़रीब विरोधी सरकार। pic.twitter.com/YSUsxIpSvC
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 25, 2020
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना काल में भी इंडियन रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 428 करोड़ रुपये की तगड़ी कमाई की है। इस पर ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “बीमारी के ‘बादल’ छाए हैं, लोग मुसीबत में हैं, बेनिफिट ले सकते हैं-आपदा को मुनाफे में बदल कर कमा रही है गरीब विरोधी सरकार।”
भारतीय रेलवे ने हाल में बताया कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 1 मई से चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये उन्होंने 9 जुलाई तक 429.90 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने श्रमिक ट्रेनों के संचालन में लगभग 2400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
रेलवे द्वारा दी गई इस जानकारी पर कांग्रेस ने सवाल पूछा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ल ने ट्वीट कर पूछा है कि रेल्वे ने यह पैसा किस से कमाया है? प्रवासी मजदूरों से या राज्य सरकारों से? ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे के खाते में राजस्व के रूप में सबसे ज्यादा पैसा गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से आया है।
रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात से 102 करोड़, महाराष्ट्र से 85 करोड़ रुपये और तमिलनाडु से 34 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। प्रवासी श्रमिकों से स्थानीय प्रशासन द्वारा पैसे लेने की खबरें भी सामने आई थी। यह ट्रेनें 1 मई से चलाई गई थी। इनकी मदद से दूसरे शहरों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य और गाँव तक पहुंचाया गया था।
लॉकडाउन की वजह से बेबस हो चुके मजदूरों के पास न तो काम था ना ही खाने पीने के लिए पैसे या राशन। ऐसी स्थिति में वे पैदल ही अपने-अपने गाँवों की निकल पड़े थे। इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ था तब कई राजनीतिक पार्टियों ने यह आरोप लगाया था कि रेलवे इन प्रवासी मजदूरों से किराया वसूल रहा है।