राज ठाकरे और विवाद ऐसा लगता है जैसे एक दूसरे का पर्याय बन गए हों। महाराष्ट्र नव निर्माण सेना यानी MNS के प्रमुख राज ठाकरे का आज 51वां जन्मदिन है लेकिन शायद उनसे जुड़े विवादों की गिनती भी कम नहीं होगी। राज ठाकरे का आपको 50वां जन्मदिन तो याद ही होगा जब बढ़ते पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच मुंबईकरों को राहत देते हुए शहर के 36 पेट्रोल पंपों पर चार रुपये प्रति लीटर सस्ता पेट्रोल मिल रहा था। ये मनसे के राज ठाकरे की ही देन थी।
राज ठाकरो से जुड़े विवादों की एक लंबी फेहरिस्त है.. आइए आज उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को छूने की कोशिश करते हैं।
राज ठाकरे 14 जून 1968 को पैदा हुए थे। उनके बचपन का नाम स्वराज ठाकरे था। उन्होंने शुरुआती शिक्षा दादर के एक स्कूल प्राप्त की। राज ने सर जेजे कॉलेज ऑफ आर्ट्स से स्नातक की पढ़ाई की है।
राज ठाकरे को बचपन से ही कला से लगाव था। उन्होंने छोटी उम्र में ही तबला, गिटार और वायलिन बजाना सीख लिया था। राज फिल्मों में काम करना चाहते थे।
उनके रौबीले भाषण और वाकपटु शैली में बाला साहब ठाकरे की छवि दिखती है। शिवसेना के समर्पित कार्यकर्ता रहे राज ठाकरे ने 2006 में तल्ख तेवरों के साथ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाई।
राज ठाकरे की पत्नी शर्मिला, मराठी फिल्मों और थिएटर के प्रसिद्ध कलाकार और निर्माता-निर्देशक मोहन वाघ की बेटी हैं। उनके एक बेटा अमित ठाकरे और बेटी उर्वशी ठाकरे है।
राज ठाकरे श्रीकांत ठाकरे के बेटे हैं जो बाल ठाकरे के छोटे भाई थे। उनकी मां कुंदा ठाकरे भी बाल ठाकरे की पत्नी मीना ठाकरे की छोटी बहन हैं।
राज ठाकरे एक अच्छे कार्टूनिस्ट हैं। बाल ठाकरे की साप्ताहिक पत्रिका मार्मिक में वो कार्टून बनाते थे।
2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की स्थापना के साथ ही राज ठाकरे विवादों को न्यौता देते रहे। ठाकरे अपने कार्टूनों और बयानों के जरिए वो सुर्खियां बटोरते रहते हैं।
साल 2008 में जेट एयरलाइंस ने 800 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। सुगबुगाहट थी कि 1100 अन्य अस्थायी कर्मचारियों को भी निकाला जा सकता है। इन कर्मचारियों में कई मराठी भी शामिल थे। उन्होंने राज ठाकरे से मदद की गुहार लगाई। उस वक्त राज ठाकरे ने जेट एयरलाइंस के मालिक नरेश गोयल को धमकी दी कि अगर उन्होंने 12 घंटे के अंदर निकाले गए कर्मचारियों को वापस काम पर नहीं रखा तो महाराष्ट्र के अंदर उनका कोई विमान नहीं उड़ने दिया जाएगा।
2008 में ही मनसे कार्यकर्ताओं ने मुंबई में अंग्रेजी साइन बोर्ड को काला करना शुरू किया। उनकी जगह पर मराठी साइन बोर्ड लगाने की बात कही गई।
इसी साल राज ठाकरे ने अमिताभ बच्चन की सभी फिल्मों पर बैन लगाने की धमकी दी। दरअसल, जया बच्चन ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा कि हम यूपी वाले हैं, हिंदी बोलेंगे मराठी नहीं। राज ठाकरे का मानना था कि इससे मराठियों की भावना को चोट पहुंची है। अमिताभ बच्चन की माफी के बाद ही मामला शांत हो सका था।
2 अक्टूबर 2009 को मनसे कार्यकर्ताओं ने ‘वेक अप सिड’ फिल्म के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता फिल्म में मुंबई की बजाए कुछ सीन में बॉम्बे के इस्तेमाल से नाराज थे।
आईपीएल-3 के दौरान शिवसेना के साथ मिलकर राज ठाकरे की पार्टी ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को मुंबई में खेलने से रोक दिया। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर हो रहे लगातार हमले के विरोध में यह फैसला लिया गया था।