रामविलास पासवान ने गोद लिया था हाजीपुर का अकबरपुर मलाही गांव, जानिये क्यों है वहां की जनता नाराज

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Bihar: राम विलास पासवान की तबियत नाजुक, बेटे चिराग ने कार्यकर्ताओं को लिखी भावनात्मक चिट्ठी

इस लोकसभा चुनाव में बिहार का हाजीपुर में चुनाव पांचवे चरण में 6 मई को होने हैं। इस बार यहां से विपक्षी गठबंधन ने शिवचंद्र राम को उम्मीदवार बनाया है, तो वहीँ मौजूदा सांसद रामविलास पासवान ने अपने भाई पशुपति पारस को मैदान में उतारा है।

बता दें कि, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से 8 बार सांसद चुने जा चुके हैं। उन्होंने इस लोकसभा क्षेत्र के अंदर आने वाले अकबरपुर मलाही गांव को गोद लिया था। ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के तहत इस इस गांव में अस्पताल, शिक्षा जैसी कई बुनियादी सुविधाओं को लाने की बात कही गयी थी। गोद लेने के बाद गाँव में क्या बदलाव हुए? क्या उन्होंने वहां सच में कोई काम किया?


अकबरपुर मलाही गांव की जनता का कहना है कि, रामविलास पासवान ने ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के तहत गांव को गोद लेकर कई वादे तो किये, लेकिन आज तक उन वादों को पूरा नहीं किया गया है। जनता का कहना है, ‘यह गांव आदर्श ग्राम केवल सरकारी कागजों में है। यहां आदर्श ग्राम जैसी कोई सुविधा नहीं है। इलाज कराने के लिए भी हमें 15- 20 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। साथ ही यहां पानी की भी कोई सुविधा नहीं है।’ रामविलास पासवान के इस ‘आदर्श ग्राम’ में न कोई क्लब, सड़क, किसानों के लिए केंद्र आदि कुछ नहीं है।

हाजीपुर के इस अकबरपुर मलाही की जनता रामविलास पासवान के ‘आदर्श ग्राम’ के वादों से काफी नाराज हैं। उनका साफ़ कहना है की गांव में पानी और अस्पताल समेत कई बुनियादी सुविधाओं के लिए भी कुछ नहीं किया गया है। कई बार अर्जी देने के बाद भी गांव में कोई काम नहीं किया गया।


बता दें कि केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान यहां से 8 बार सांसद रह चुके हैं। पासवान ने कभी यहां सबसे ज्यादा मतों से जीत का रिकॉर्ड कायम किया है। हालांकि 2009 के लोकसभा चुनाव में पासवान को जेडीयू के रामसुंदर दास के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। रामविलास पासवान इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि उन्होंने तबीयत का हवाला देते हुए राज्यसभा जाने का फैसला किया है।

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