पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई राज्यसभा के लिए नामित, विवादों से घिरा रहा था कार्यकाल

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पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई राज्यसभा के लिए नामित, विवादों से घिरा रहा था कार्यकाल

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अब राज्यसभा जाएंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड 3 के साथ पठित खंड 1 के उपखंड क की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने गोगोई को नामित किया है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुधेश कुमार शाही ने यह अधिसूचना पत्र जारी किया है।

बता दें कि राज्यसभा में 12 सदस्य राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत किये जाते हैं। ये सदस्य अलग-अलग क्षेत्रों की जानी मानी हस्तियां होती हैं। पूर्व में नामित किए गए सदस्य के सेवानिवृत्त होने के कारण रिक्त हुए पद को भरने के लिए राज्यसभा में पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को नामित किया गया है। रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पद से रिटायर हुए थे।


जस्टिस और चीफ जस्टिस के तौर पर न्यायमूर्ति गोगोई का कार्यकाल विवादों और व्यक्तिगत आरोपों के घेरे में रहा। उन पर यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप भी लगे। याद रहे कि रंजन गोगोई के नेतृत्व में ही सुप्रीम कोर्ट के जजों के एक समूह ने पिछले साल जनवरी में तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के काम के तरीके पर सवाल उठाया था और उनके खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।

रिटायर होने से पहले रंजन गोगोई की अध्यक्षता में बनी बेंच ने ही अयोध्या राम जन्मभूमि के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। 13 महीने तक चीफ जस्टिस रहे रंजन गोगोई ने ही राफेल लड़ाकू विमान की खरीद के मामले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी थी। साथ ही असम में एनआरसी, सीजेआई ऑफिस आरटीआई के दायरे में होने जैसे अहम मुद्दों पर उन्होंने फैसला दिया।

ज्ञात हो कि इससे पहले पूर्व जस्टिस रंगनाथ मिश्रा भी कांग्रेस से जुड़कर संसद सदस्य बन चुके हैं। इसके अलावा पूर्व चीफ जस्टिस पी.सदाशिवम को भी मोदी सरकार ने रिटायर होने के बाद केरल का राज्यपाल बनाया था।



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