शिवसेना के बुर्का बैन को साध्वी प्रज्ञा का समर्थन, BJP ने किया विरोध

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बुर्के और नकाब पर आए दिन कोई ना कोई मुद्दा सामने आता ही रहता है। ताजा मामला शिवसेना की ओर से सुर्खियों में आया है। शिवसेना ने बुर्का और नकाब पर बैन लगाने की मांग की है। इस के साथ ही इस विषय पर राजनीति तेज हो गई है। शिवसेना की यह मांग ऐसे समय की है जब देश में लोकसभा चुनाव चल रहा है और 4 चरणों की वोटिंग हो चुकी है।

गौरतलब है कि बीजेपी ने भारत में बुर्का पर प्रतिबंध को गैरजरुरी बताया है लेकिन मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी और भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ने शिवसेना की इस मांग का समर्थन किया है।


क्या है पूरा मामला?

शिवसेना ने बुधवार को श्रीलंका की तर्ज पर देशहित में बुर्का और नकाब पर बैन लगाने की मांग की थी। शिवसेना ने श्रीलंका में ईस्टर संडे पर आतंकवादी हमलों के बाद वहां की सरकार की ओर से बुर्का पर प्रतिबंध लगाए जाने संबंधी नियम लाने की योजना का हवाला दिया। हमलों में 250 लोगों की मौत हो गई थी।

शिवसेना ने अपने मुखपत्रों ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ में आज बुधवार को छपे संपादकीय में कहा, ‘इस प्रतिबंध की अनुशंसा आपातकालीन उपाय के तौर पर की गई है जिससे कि सुरक्षा बलों को किसी को पहचानने में परेशानी ना हो। नकाब या बुर्का पहने हुए लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं।’


आपको बता दें कि ‘डेली मिरर’ समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से मंगलवार को कहा था कि श्रीलंकाई सरकार मौलानाओं से विचार-विमर्श कर इसे लागू करने की योजना बना रही है और इस मामले पर कई मंत्रियों ने मैत्रिपाला सिरिसेना से बात की है।

बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने भारत में बुर्का में बैन की मांग का विरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत में बुर्का में बैन की जरुरत नहीं। वहीं दूसरी ओर, बीजेपी की भोपाल प्रत्याशी और हिंदूवादी नेता साध्वी प्रज्ञा ने इस पर देशहित में बैन का समर्थन किया।

नरसिम्हा राव ने कहा कि बुर्के पर फिलहाल पाबंदी लगाने की जरुरत नहीं। हर देश को अपनी सुरक्षा के हिसाब से फैसला लेना होता है। हमारा देश सुरक्षित है।

क्या कहा साध्वी प्रज्ञा ने?

साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि, किसी कारण से अगर कोई इस माध्यम का लाभ उठाते हैं और इससे देश को नुकसान पहुंचता हो, लोकतंत्र खतरे में हो या फिर सुरक्षा खतरे में हो तो ऐसी परंपराओं में थोड़ी ढील देनी चाहिए। कानून के जरिए बैन लगाया जाए इससे अच्छा है कि वो खुद ही इस पर फैसला लें। अगर कोई इसके लिए जरिए गलत काम करता है तो उनका ही पंथ बदनाम होगा।

दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी शिवसेना की इस मांग का विरोध किया है। रामदास अठावले ने कहा कि शिवसेना की यह मांग गलत है। हर बुर्का पहनने वाली महिला आतंकवादी नहीं होती। यह उनकी पारंपरिक पोशाक है। उनका हक है कि वे इसे पहन सकती हैं। ऐसा लगता है कि वे आतंकी हैं तो उनका बुर्का हटाया जा सकता है। भारत में बुर्के पर बैन नहीं लगना चाहिए।

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