श्रीनगर, 16 दिसंबर (आईएएनएस)| सेना ने रविवार को लोगों से आग्रह किया है कि वे अलगाववादियों के आह्वान पर सोमवार को सैन्य मुख्यालय तक मार्च शामिल न हों।
अलगाववादियों ने एक दिन पहले सात नागरिकों के मारे जाने के विरोध में मार्च का आह्वान किया है।
सेना ने एक बयान में कहा, “सुरक्षाबलों ने सीमा पार गोलीबारी में किसी नागरिक के जीवन को नुकसान नहीं पहुंचे और संपत्ति का नुकसान भी कम हो, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए हैं। किसी भी नागरिक का हताहत होना सुरक्षाबलों के लिए हमेशा पीड़ादायक होता है।”
यह बयान सुरक्षाबलों द्वारा पुलवामा जिले में एक मुठभेड़ के बाद विरोध कर रहे लोगों पर की गई गोलीबारी में दो नाबालिगों सहित सात लोगों के मारे जाने के बाद आई है।
मुठभेड़ में तीन आंतकवादियों के मारे जाने के साथ एक जवान भी शहीद हो गया था।
बयान में कहा गया है, “भारतीय सेना सभी सुरक्षा एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के साथ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और छद्म युद्ध और कश्मीर में इसके छद्म युद्ध से लड़ रही है।”
सेना ने कहा कि सुरक्षा बल नागरिकों के जीवन की सुरक्षा करने का हरसंभव प्रयास करते हैं और निहित स्वार्थी तत्व मुठभेड़ स्थलों पर युवाओं को जुटाकर उन्हें सेना के खिलाफ भड़काने की कोशिश करते हैं।
सेना ने कहा कि अलगाववादी समूह, संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) द्वारा सोमवार को बदामी बाग सैन्य छावनी क्षेत्र में आहूत मार्च इसी तरह का एक प्रयास है।
सेना ने कहा है कि भारतीय सेना पाकिस्तान के इस छद्म युद्ध व चाल की कड़ी निंदा करती है और लोगों से राष्ट्र-विरोधी ताकतों के झांसे में नहीं आने का आग्रह करती है।