दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजधानी के बापरोला इलाके से एक सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है।हिंदुस्तान में छपी एक खबर के मुताबिक आरोपी बीएएमएस डॉक्टर देवेंद्र शर्मा पर दर्जनों टैक्सी चालकों को अगवा कर हत्या करने के बाद उनका शव यूपी के कासगंज स्थित जी हजारा नहर में मगरमच्छ के आगे फेंकने का आरोप है।
इसके साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि आरोपी इस तरह की तकरीबन 40 हत्याओं में शामिल है। इसके साथ ही वह कई प्रदेशों में किडनी रैकेट चलाने के मामले में भी आरोपी है। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर उसके पूरे आपराधिक रिकॉर्ड को खंगालने में लगी है।
देवेंद्र शर्मा साल 2004 में पर्दाफाश हुए किडनी ट्रांसप्लांट कांड में जयपुर, बल्लभगढ़ और गुरुग्राम के केस में भी आरोपी था। इस पर करीब 125 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट कराने का आरोप है। बीएएमएस डॉक्टर से सीरियल किलर बने इस आरोपी के खिलाफ हत्या के केस में सजा भुगतने के दौरान पैरोल जंप करने के लिए जयपुर में मुकदमा दर्ज किया गया था।
इसके अलावा आरोपी और उसके साथियों पर 2002-2004 के बीच दर्जनों ट्रक/टैक्सी ड्राइवर की हत्या का आरोप लगा था। हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद वह टैक्सी बेच देता था या मेरठ में कटवा देता था। पुलिस ने बताया कि आरोपी जयपुर सेंट्रल जेल में हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट हा था। इसी दौरान पैरोल पर वह बाहर आया था, लेकिन वापस नहीं लौटा।
आरोपी देवेंद्र शर्मा ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने बिहार के सीवान से बीएएमएस में स्नातक किया है और 1984 से 11 साल तक जयपुर के बांदीकुई में जनता अस्पताल और डायग्नोस्टिक्स के नाम से एक क्लिनिक का संचालन किया। उसने वर्ष 1982 में शादी कर ली। वर्ष-1994 में बदमाश ने गैस डीलरशिप के लिए 11 लाख रुपए का निवेश किया।
जिस कंपनी में उसने अपनी रकम जमा कराई थी, वह लोगों को ठग कर फरार हो गई। इस वजह से उसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझना पड़ा। इसके बाद वर्ष 1995 में यूपी के छारा गांव में भारत पेट्रोलियम की एक नकली गैस एजेंसी चलाने लगा। इस दौरान वह राज, उदयवीर और वेदवीर नाम के तीन चोरों के सम्पर्क में आया
इसके बाद इन व्यक्तियों ने ड्राइवर की हत्या करके एलपीजी सिलिंडर ले जाने वाले ट्रकों को लूटना शुरू कर दिया। डेढ़ साल के बाद देवेंद्र को नकली गैस एजेंसी चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वर्ष 2001 में उसने एक बार फिर अमरोहा में नकली गैस एजेंसी शुरू की, लेकिन फिर से उसके खिलाफ पीएस कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।