अनोखा मामला: हत्या आरोपी को मिली गुरूद्वारे में सेवा करने की सजा, वकील जसपाल ने दिलायी नयी ज़िंदगी

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नई दिल्ली: एक युवक को गुस्से में आकर कानून हाथ में लेने पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एक अलग ही सजा दी है। हाईकोर्ट (High Court) ने अपने फैसले में हत्या की कोशिश करने के आरोपी 21 साल के युवक को सजा के तौर पर एक महीने तक दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहिब (Gurdwara Bangla Sahib) में सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान मोहम्मद उमैर की तरफ से वकील जसपाल सिंह और शिकायतकर्ता की ओर से वकील अमित यादव कोर्ट में पेश हुए। आरोपी मोहम्मद उमैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 307 (हत्या के प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

वकील जसपाल सिंह ने दिलाई नई जिंदगी

21 साल के एक युवा पर हत्या की कोशिश का आरोप लगने के बाद उसका केस वकील जसपाल सिंह ने लड़ने का फैसला किया। कोर्ट की जिरह में वकील ने एक दोषी के उम्र और गुस्से में आकर लिए गए फैसले को जज के सामने रखते हुए कहा कि आरोपी युवक अभी मात्र 21 साल का है और उसके सामने उसका पूरा जीवन पड़ा हुआ है। साथ ही आरोपी और पीड़ित पक्ष ने आपस में समझौता भी कर लिया है। इसलिए माननीय न्न्यायाल को दोषी को ऐसी सजा देनी चाहिए जीसे उसका जीवन भी बर्बाद न हो और उसे अपने किये पर पश्चतावा भी हो और वो आगे भविष्यमें ऐसा काम न करें।


जिसके बाद जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद ने केस की सुनवाई करते हुए वकील जसपाल सिंह की बातों पर गौर किया और दोषी को ऐसी सजा सुनाई जो एक अनोखा मामला है। कोर्ट ने दोषी को 16 मार्च से 16 अप्रैल तक बंगला साहिब गुरुद्वारे में सेवा करने की सजा सुनाई।

बता दें कि आरोपी पहले ही एक महीना हिरासत में बिता चुका है। साथ ही उसने कोर्ट में अपने किए पर पछतावा भी जताया है। इसी के साथ सजा सुनाने के दौरान हाईकोर्ट ने आरोपी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसके साथ ही भविष्य में ऐसी गतिविधियों में शामिल न होने और अपराध से दूर रहने की चेतावनी भी दी गई। हाईकोर्ट ने कहा कि युवाओं को अपने गुस्से को काबू करना सीखना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि वे कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते।

इस वजह से लिया गया ये फैसला

आरोपी का पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है। इस घटना के बाद भी वह फरार नहीं हुआ है, चार्जशीट दायर की गई है। जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद ने कहा कि चार्जशीट देखने से पता चलता है कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने कहा है कि जब वह अपनी मां के साथ बहस कर रहा था, तो शिकायतकर्ता ने उसे थप्पड़ मार दिया, जिससे उसे अपमान महसूस हुआ, इसलिए उसने गुस्से में आकर सब्जी काटने वाले चाकू से अपने उस पड़ोसी (शिकायतकर्ता) पर हमला कर दिया और उसे घायल कर दिया।


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