नई दिल्ली | आम आदमी पार्टी (AAP) ने शनिवार को कहा कि दिल्ली शिक्षा निदेशालय (DoE) ने रामलीला मैदान में रविवार को होने वाले अरविंद केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के शपथग्रहण समारोह में स्कूलों के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को निमंत्रण दिया है। पार्टी ने कहा कि शिक्षक बीते पांच वर्षो में दिल्ली के कायाकल्प के ध्वजवाहक रहे हैं। भाजपा ने हालांकि इसकी तीखी आलोचना की है और इसे आप सरकार का ‘तुगलकी फरमान’ करार दिया। डीओई के सर्कुलर के अनुसार, स्कूलों के प्रधानाचार्यो को उप प्रधानाचार्यो, इंटरप्रेनरशिप माइंडसेट करिकुलम कोर्डिनेटर्स, हैप्पीनेस कोर्डिनेटर्स और शिक्षक विकास समन्वयक समेत 20 अन्य लोगों को लाने के लिए कहा गया है।
भाजपा नेता और नवनिर्वाचित विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने इसे ‘तुगलकी फरमान’ बताया और इस आदेश को वापस लेने के बाबत शनिवार को केजरीवाल को पत्र लिखा।
गुप्ता ने पत्र में केजरीवाल को शिक्षकों और अधिकारियों को जारी किए गए तुगलकी फरमान को वापस लेने के लिए कहा और इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए यह सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग है।
गुप्ता ने कहा, “शिक्षा को किसी के राजनीतिक महत्वाकांक्षा के औजार के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, लोकतंत्र में इस तरह के आदेश को जारी करना लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है।”
इसपर प्रतिक्रिया देते हुए, आप नेता जस्मीन शाह ने ट्वीट किया, “दिल्ली के शिक्षक और प्रधानाध्यापक बीते पांच वर्षो में दिल्ली का कायाकल्प करने के ध्वजवाहक रहे हैं। वे कल रामलीला मैदान में होने वाले शपथग्रहण समारोह में आमंत्रित किए जाने योग्य हैं। भाजपा ने केंद्र के अपने विकास मॉडल में कब शिक्षकों के बारे में अंतिम बार सोचा था। कभी नहीं।”
आप ने प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट, भाजपा विधायकों व सांसदों समेत दिल्ली में रहने वाले सभी लोगों को शपथग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है।
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