कोलंबो, 17 नवंबर (आईएएनएस)| श्रीलंका के पूर्व रक्षा मंत्री व श्रीलंका पोडुजाना पेरमुना (एसएलपीपी) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गोताबेया राजपक्षे अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे चल रहे हैं और देश का आठवां राष्ट्रपति बनने की उनकी संभावना प्रबल हो गई है। जबकि न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) के साजित प्रेमदासा दूसरे स्थान पर हैं। रविवार को प्रारंभिक नतीजों में यह बात सामने आई। शनिवार को देशभर में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हुआ था।
समाचार पत्र डेली मिरर के अनुसार, आधिकारिक नतीजे घोषित नहीं किए गए, लेकिन राजपक्षे पहले ही 51.12 फीसदी वोट पा चुके हैं और प्रेमदासा 42.92 फीसदी मतों के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
चुनाव आयोग अध्यक्ष महिंदा देशप्रिया ने बीबीसी को बताया कि आधिकारिक परिणाम रविवार शाम चार बजे घोषित किए जाने की उम्मीद है।
श्रीलंका में शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हुआ था।
चुनावी मैदान में रिकॉर्ड 35 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाया है लेकिन मुख्य मुकाबला राजपक्षे और प्रेमदासा के बीच रहा है।
गोताबेया राजपक्षे एक सेवानिवृत्त सैनिक हैं, जिन्होंने उस दौरान श्रीलंका के रक्षा विभाग का कार्यभार संभाला था, जब उनके बड़े भाई, महिंद्रा राजपक्षे राष्ट्रपति (2005-2015) थे और जब श्रीलंका ने 2009 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ अपना युद्ध समाप्त किया था।
वहीं दूसरी ओर, साजित प्रेमदासा, राणासिंघे प्रेमदासा के पुत्र हैं, जिन्होंने 1989 से मई 1993 में कोलंबो में लिट्टे द्वारा आत्मघाती बम विस्फोट में मारे जाने तक राष्ट्रपति के रूप में सेवा दी। उन्होंने मुस्लिम और तमिल अल्पसंख्यकों के लिए लड़ने का संकल्प लिया है।
शनिवार को हुए मतदान का प्रतिशत 2015 के राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले थोड़ा कम रहा, जब औसत मतदान प्रतिशत 81.52 प्रतिशत दर्ज हुआ था।