नई दिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)| बंद पड़ी एयरलाइंस में अपनी हिस्सेदारी बेचने की बोली प्रक्रिया चला रहे निवेशकों की चिंताओं के बीच नागरिक विमानन मंत्रालय (एमओसीए) ने मंगलवार को कहा कि वित्तीय संकट से जूझ रही एयरलाइन के विभिन्न हवाईअड्डों पर स्लॉट के ऐतिहासिक अधिकार का संरक्षण किया जाएगा।
मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा, “मौजूदा एमओसीए प्रावधानों के मुताबिक, जेट एयरवेज के स्लॉट आवंटन के ऐतिहासिक अधिकार को सुरक्षित रखा जाएगा। मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, ये स्टॉल जेट एयरवेज को तब मुहैया कराए जाएंगे, जब कंपनी परिचालन दुबारा शुरू करेगी।”
बयान में कहा गया है कि यह स्पष्ट किया जाता है कि जेट एयरवेज के खाली पड़े स्लॉट को अन्य एयरलाइनों को पूरी तरह से अस्थायी आधार पर तीन महीनों की अवधि के लिए दिया जा रहा है। वर्तमान में सभी हितधारकों को पारदर्शी तरीके से स्लॉट आवंटित किए जा रहे हैं।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ बैठक में एयरलाइन के वरिष्ठ अधिकारियों और एयरलाइन के कर्मचारियों के प्रतिनिधि ने मंत्री से जेट एयरवेज के स्लॉट को सुरक्षित रखने की गुजारिश की थी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संभावित खरीदारों के लिए पर्याप्त मूल्य है।
नकदी की गंभीर संकट के मद्देनजर जेट एयरवेज ने पिछले हफ्ते अपना परिचालन रोक दिया था। एयरलाइन का दुबारा परिचालन अब भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में जेट के कर्जदाताओं के संघ द्वारा शुरू की हिस्सेदारी की सफल बिक्री पर निर्भर करता है।
एयरलाइन के कर्जदाताओं ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया सफल होगी और उद्यम का उचित मूल्य निर्धारित होगा।
उद्योग सूत्रों के मुताबिक, निजी इक्विटी कंपनी टीपीजी कैपिटल, इंडिगो पार्टनर्स, नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रकचर फंड (एनआईआईएफ) और एतिहाद एयरवेज जेट एयरलाइन की हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में है।