सरसों की इस साल बंपर पैदावार, 120 लाख टन उत्पादन का अनुमान

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नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। मिशन के तौर पर सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए शुरू किया गया अभियान मस्टर्ड मिशन इस साल रबी सीजन की प्रमुख तिलहनी फसल सरसों की बुवाई बढ़ाने में कारगर साबित हुआ है और देशभर में अच्छी फसल है जिससे बंपर पैदावार की उम्मीद की जा रही है। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो इस साल सरसों का उत्पादन 120 लाख टन के करीब रह सकता है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से चालू फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) का दूसरा अग्रिम अनुमान अभी जारी नहीं हुआ है, मगर कृषि मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि सरसों की खेती में इस बार देश के किसानों ने खूब दिलचस्पी दिखाई है और सरकार की ओर से भी इस दिशा में एक मिशन के तौर पर काम किया गया है जिससे उत्पादन, जो सामान्य तौर पर 90 लाख टन के करीब रहता था, वह बढ़कर इस साल 120 लाख टन तक जा सकता है।


अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि उच्च गुणवत्ता व पैदावार बढ़ाने वाले सरसों के बीजों का उपयोग होने से प्रति हेक्टेयर सरसों के पैदावार में 20 फीसदी से 100 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है।

अधिकारी ने बताया कि मस्टर्ड मिशन के तहत देश के 11 प्रमुख सरसों उत्पादक राज्यों के 368 जिलों में सरसों की खेती पर जोर दिया गया है।

कृषि वैज्ञानिक भी बताते हैं कि सरसों के उत्पादन में वृद्धि हो सकती है क्योंकि मौसम अनुकूल होने से फसल अच्छी है और पैदावार में इजाफा हो सकता है।


भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत आने वाले राजस्थान के भरतपुर स्थित सरसों अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. पी.के. राय ने आईएएनएस को बताया कि सरसों का रकबा भी बढ़ा है और मौसम अनुकूल होने से पैदावार भी बढ़ने की उम्मीद है। कृषि वैज्ञानिक राय का भी अनुमान है कि सरसों का उत्पादन इस साल 110 लाख टन से 120 लाख टन के बीच रह सकता है।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू फसल वर्ष में देशभर में सरसों की बुवाई करीब 74 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल के मुकाबले सात फीसदी से ज्यादा है। राजस्थान के कारोबारी उत्तमचंद ने बताया कि सरसों की खेती में किसानों की दिलचस्पी बढ़ने की एक बड़ी वजह कीमत है क्योंकि इस साल देश में सरसों का भाव काफी उंचा रहा है। लिहाजा, अच्छा दाम मिलने की उम्मीद में किसानों ने सरसों की खेती की है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले फसल वर्ष 2019-20 में 91.16 लाख टन था जबकि 2018-19 में 92.56 लाख टन था।

–आईएएनएस

पीएमजे-एसकेपी

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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