नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को न्यायमूर्ति अकिल कुरैशी की पदोन्नति संबंधी मामले पर सुनवाई को स्थगित कर दिया। कुरैशी फिलहाल 13 नवंबर तक बंबई हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर सेवारत रहेंगे।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई 13 नवंबर को होगी। केंद्र के वकील ने अदालत को बताया कि वह त्रिपुरा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति कुरैशी को नियुक्त करने के लिए कॉलेजियम की सिफारिश पर हस्ताक्षर का इंतजार कर रहे हैं।
गुजरात हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ (जीएचसीएए) ने न्यायमूर्ति कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की केंद्र की अनिच्छा पर आपत्ति जताते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
जीएचसीएए का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश पर कार्रवाई करने के लिए समय-सीमा तय करने को अदालत से सरकार को निर्देश देने की मांग की।
इससे पहले, उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को पहले ही पर्याप्त समय दे चुका है।
न्यायमूर्ति कुरैशी एक तबादले के बाद बंबई हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवारत हैं। वह मूल रूप से गुजरात हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।
मई, 2019 में शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति कुरैशी की सिफारिश की थी। लेकिन इसे केंद्र की मंजूरी नहीं मिली।
19 सितंबर को प्रधान न्यायाधीश गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि एक निर्णय लिया गया है और इसे शीर्ष न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।
अगले दिन कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश को संशोधित किया और त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति कुरैशी की नियुक्ति को मंजूरी दी।