दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के एक खुश करने वाली खबर है। जल्द ही यमुना प्राधिकरण एक्सप्रेसवे के किनारे तीन स्मार्ट शहर बसाए जाने वाले हैं। इसके लिए विस्तृत योजना तैयार करवाई जा रही है। खबरों के अनुसार प्रत्येक शहर में पांच-पांच लाख लोगों के रहने के इंतजाम किया जाएगा। बिजली, पानी और सीवर सफाई के मामले में ये शहर आत्मनिर्भर होंगे। यातायात प्रबंधन, सुरक्षा और इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में अंतर्राष्ट्रीय मानक उपयोग किए जाएंगे।
यमुना प्राधिकरण से मिली जानकारी की मानें तो अब विकास प्राधिकरण गौतमबुद्ध नगर से आगे अलीगढ़, आगरा और मथुरा में अपनी विकास योजनाएं लेकर जाना चाहता है। इस योजना को दो हिस्सों में लागू किया जाएगा। दोनों योजनाएं सामान्य रूप से काम करेंगी। एक हिस्से में अलीगढ़, आगरा और मथुरा में आवासीय सुविधाओं का विकास किया जाएगा। समांतर रूप से औद्योगिक विकास भी किया जाएगा।
प्राधिकरण का कहना है कि जिन उद्योगों को वहां भूमि आवंटन किए जाएंगे, उन्हें आवश्यक मूलभूत सुविधाएं मिलती रहेंगी। इसके लिए मथुरा के राया क्षेत्र में न्यू वृंदावन नाम से शहर बसाया जाएगा। बता दें कि अलीगढ़ में टप्पल के पास और आगरा में तीसरा नया शहर विकसित होगा। इन तीनों शहरों में पांच-पांच लाख जनसंख्या के लिए मूलभूत सुविधाओं और आधारभूत ढांचे का विकास किया जाएगा।
यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा है कि, पहले चरण में मथुरा जिले में नया वृंदावन शहर बसाने की योजना पर काम शुरू किया गया है, टप्पल में औद्योगिक गतिविधियां पहले शुरू की जाएंगी। ये तीनों शहर अत्याधुनिक होंगे और पर्यावरण संरक्षण और भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे।
इन खूबियों से होगा भरपूर
-तीनों शहर स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट से भरपूर रहेंगे। सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन और निजी वाहनों के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी। शहर को ट्रैफिक सिग्नल रहित रखा जाएगा। इससे प्रदूषण में कमी आएगी।
-इन शहरों से निकलने वाला सीवर का पानी नदियों में नहीं डाला जाएगा। तीनों शहर जीरो डिस्चार्ज जोन होंगे। पानी को रिसाइकिल करके दोबारा बागवानी और उद्यान सिंचाई में इस्तेमाल किया जाएगा।
-ये शहर पर्यावरण के प्रति संजीदगी की भावना रखने वाले होंगे। न्यू वृंदावन शहर भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरणाओं को परिलक्षित करेगा, जिसमें पर्यावरण संरक्षण की भावना भी नजर आएगी।
-इन शहरों में ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा की मदद ली जाएगी। शहर में सार्वजनिक स्थानों और सामूहिक उपयोग में सौर ऊर्जा का ही इस्तेमाल किया जाएगा। शहर में आकर बसने वाले लोगों को भी अपनी जरूरत का कम से कम 50 फीसदी हिस्सा सौर ऊर्जा से हासिल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
-ऐसा कहा जा रहा है कि इन तीनों शहरों में रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए जितने भूगर्भ जल या दूसरे जल स्रोतों का उपयोग किया जाएगा, प्राधिकरण उतना ही पानी बारिश के जरिए रिचार्ज करने की योजना की तैयारी में है।