तिब्बत को चीन का अभिन्न अंग नहीं मानते अधिकतर भारतीय : आईएएनएस सीवोटर

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नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के काफी लोग तिब्बत को चीन का अभिन्न अंग नहीं मानते हैं। यह बात तिब्बत पर किए गए आईएएनएस सी-वोटर सर्वेक्षण में सामने आई है।

इस सर्वेक्षण के नतीजे पूरे देश के 3000 लोगों से बातचीत के आधार पर निकाले गए हैं।


सर्वेक्षण में एक और महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया, जिसमें पता चला कि 25.3 प्रतिशत भारतीय लोग समझते हैं कि तिब्बत चीन के कब्जे वाला राष्ट्र है। वहीं सर्वेक्षण के नतीजों में यह भी सामने आया कि 20.8 प्रतिशत लोगों का मानना है कि तिब्बत भारत का एक अंग है।

सर्वे में शामिल केवल 6.6 प्रतिशत का कहना है कि तिब्बत चीन का हिस्सा है और दिलचस्प रूप से 6.2 प्रतिशत लोगों का मानना है कि यह नेपाल का हिस्सा है।

इसके अलावा 20.4 प्रतिशत लोगों को तिब्बत के बारे में कुछ भी नहीं पता है। वहीं कुल 11.7 प्रतिशत लोग मानते हैं कि यह एक स्वतंत्र देश है।


सर्वे में कुल मिलाकर यह स्पष्ट हुआ है कि भारत के चार में से तीन लोगों को तिब्बत की स्थिति के बारे में सही जानकारी नहीं है।

तिब्बत एक स्वतंत्र इकाई है, जिसे 1950 में चीन ने अपने कब्जे में ले लिया था। चीन ने 1950 में इस क्षेत्र पर अपने दावे को लागू करने के लिए हजारों सैनिकों को भेजा था। इसके बाद कुछ क्षेत्र तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र बन गए और अन्य कुछ क्षेत्रों को पड़ोसी चीनी प्रांतों में शामिल कर लिया गया।

वर्तमान में भारत और चीन के बीच पिछले नौ महीनों से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा विवाद को लेकर गतिरोध बना हुआ है। भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हर प्रकार की स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार है। हालांकि उसे चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ संघर्ष के सौहार्दपूर्ण समाधान की उम्मीद भी है।

चीन अपनी विस्तारवादी नीति पर चलते हुए एलएसी से लगते ऐसे कई स्थानों पर यथास्थिति बदलने के लिए प्रयासरत है, जो कि भारतीय क्षेत्र हैं। हाल ही में सामने आई कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले दिनों चीनी सेना एलएसी के पास भारतीय क्षेत्र में घुस आई थी, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी और वह चीन के साथ सभी स्तरों पर इस मामले को गंभीरता से उठा रहा है।

–आईएएनएस

एकेके/एएनएम

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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