निर्भया केस: तिहाड़ जेल के इतिहास में पहली बार हुई एक साथ चार दोषियों को फांसी

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निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई। इसके साथ ही तिहाड़ में पहली बार एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई है।

इन चारों दोषियों को दुष्कर्म के एक मामले में फांसी की सजा दी गई। निर्भया के दोषियों को अदालत द्वारा दिए गए मृत्युदंड के फैसले को क्रियान्वित करने का काम पवन जल्लाद ने किया।


पवन का परिवार कई पीढ़ियों से जल्लाद का काम करता आ रहा है। पवन के पर-दादा लक्ष्मण, दादा कालू जल्लाद और पिता मम्मू जल्लाद भी फांसी की सजा को क्रियान्वित करने का काम किया करते थे।

पवन ने चार दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाकर आजाद भारत में तिहाड़ जेल में हुई फांसियों को लेकर अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है। यहां एक ही अपराध के लिए चार दोषियों को एक साथ फांसी देने का यह रिकॉर्ड अब पवन के नाम है।

वहीं, डीजी जेल दोषियों की फांसी से पहले 24 घंटे तक जागते रहे और जेल के भीतर ही मौजूद रहे। जेल नंबर तीन के सुपरिटेंडेंट सुनील, एडिशनल आईजी (जेल) राजकुमार शर्मा और जेल के लीगल ऑफिसर पूरी रात जागते रहे।


दूसरी ओर फांसी के बाद पवन जल्लाद को कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल से मेरठ के लिए रवाना कर दिया गया है।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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