स्मृति ईरानी की बढ़ी मुसीबत, NGO को करोड़ों का ठेका देने के आरोप पर हाई कोर्ट सख्त

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वीर सावरकर का अपमान करना कांग्रेस ने जन्मसिद्ध अधिकार समझ रखा है: स्मृति ईरानी ने लोन माफ किया, लोगों ने कहा- हां, हो गया

केंद्रीय मंत्री और गुजरात से बीजेपी की राज्यसभा सांसद स्मृति ईरानी (Smriti Irani) की सांसद निधि के कामों में घपले को लेकर दायर जनहित याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। गुरुवार को गुजरात उच्च न्यायालय ने परियोजनाओं का क्रियान्यवन करने वाली एजेंसी से धनराशि वसूली को लेकर ब्यौरा तलब किया है। स्मृति ईरानी (Smriti Irani) की निधि से कामों में गड़बड़ी सामने आने के बाद कार्यदायी संस्था से वसूली के आदेश पहले से जारी हो चुके हैं। कैग की रिपोर्ट से खुलासा होने के बाद गुजरात के एक कांग्रेस विधायक इस मामले को लेकर अदालत की चौखट पर पहुंचे हैं।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए एस दवे और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की पीठ ने मामले में सरकार द्वारा अब तक की गई जांच की स्थिति के बारे में भी जानकारी मांगी। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष और आणंद जिले में अन्क्लाव विधानसभा सीट से विधायक अमित चावडा ने जुलाई 2017 में स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि राज्यसभा सांसद के रूप में जारी निधि में बंदरबांट हुई है। कार्यदायी संस्था ने घोटाला किया है। इस मामले में हुई जांच में भी गड़बड़ी की पुष्टि हुई, जिसके बाद कार्यदारी एजेंसी से वसूली के आदेश जारी हुए थे।


अपेक्षित कार्रवाई न होने पर कांग्रेस विधायक ने गुजरात हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की थी। जिसके बाद अब कोर्ट ने धनराशि वसूली का ब्यौरा तलब किया है। मामले में अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी। इस मामले का कैग की रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ था। कांग्रेस का आरोप है कि स्मृति ईरानी ने सांसद निधि से बिना टेंडर के ही एक एनजीओ को 5.93 करोड़ रुपये के टेंडर दे दिए। कई काम भी कागजी पाए गए थे। जिले के कलेक्टर ने जांच के बाद रिकवरी करने के आदेश दिए थे।

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