उन्नाव रेप कांड (Unnao Rape) के दो आरोपियों में से एक के घटना के दिन अस्पताल में भर्ती होने की खबर झूठी निकली। अस्पताल के डॉक्टरों ने आरोपी के इस दावे को बुधवार को पूरी तरह से खारिज कर दिया। आरोपी शुभम त्रिवेदी ने कोर्ट में बताया था कि घटना वाले दिन वह सुमेरपुर की एक अस्पताल में भर्ती था और उसे पांच दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिली थी।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर विनय तोमर ने इस बारे में कहा, ‘मैंने अगस्त 2019 में चार्ज लिया है, मामला 2018 दिसंबर का बताया जा रहा है। जिस मामले की बात हो रही है वह मीडिया के माध्यम से ही सामने आया है। अदालत अथवा जांच एजेंसी या पुलिस द्वारा किसी भी स्तर से कुछ भी इस प्रकरण पर पूछा नहीं गया है, ना ही किसी तरह का कोई पत्र आया है। मामला 10 और 12 दिसंबर 2018 से संबधित होने के चलते मैंने अस्पताल का रजिस्टर चेक कराया है इन तारीखों में शुभम नाम का कोई व्यक्ति न तो भर्ती हुआ है और न ही डिस्चार्ज किया गया है।’
तोमर ने कहा कि अगर कोई जांच एजेंसी इस बारे में पूछताछ करेगी तो मैं पूरी जानकारी उपलब्ध करा दूंगा। युवती के साथ सामूहिक बलात्कार कर, उसे जिंदा जलाकर मारने के मामले के दो आरोपियों में से एक शुभम ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर दावा किया था कि सामूहिक बलात्कार की घटना के दिन 12 दिसंबर 2018 को वह अस्पताल में भर्ती था।
कोर्ट में भी अस्पताल में होने का किया था दावा
बता दें कि लड़की के साथ गैंगरेप कर उसे जिंदा जलाकर मारने के मामले के दो आरोपियों में से एक शुभम ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर दावा किया था कि सामूहिक बलात्कार की घटना के दिन 12 दिसंबर 2018 को वह अस्पताल में भर्ती था। इस मामले में प्राथमिकी मार्च 2019 में लिखी गई। आरोपी का दावा था कि वह हाइड्रोसील के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ था। जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों का कहना है कि यह इतना बड़ा अस्पताल ही नहीं है जहां कोई ऑपरेशन हो सके। यहां केवल सामान्य रोगियों को ही देखा जाता है और यहां ऑपरेशन होते ही नहीं हैं।