पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था BSF का जवान, उत्तर प्रदेश ATS ने किया गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीएसएफ के एक सिपाही को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा है। यूपी ATS का कहना है कि उसकी जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी खुफ़िया एजेंसी ISI खूबसूरत लड़कियों की फ़र्ज़ी फेसबुक ID बनाकर केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को हनी ट्रैप में फंसाकर जासूसी करा रही है। बीएसएफ कांस्टेबल अच्युतानंद मिश्रा इसका ताजा शिकार हुआ है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

एटीएसी की काऊंटर एसपायोनेज टीम ऐसी इंडियन फेसबुक आईडी की जांच कर रही थी, जो आईएसआई की फेक फेसबुक आईडी के संपर्क में हैं। उसी दौरान बीएसएफ का सिपाही अच्युतानंद उनकी निगाह में आया। अच्युतानंद ने पूछताछ में बताया कि आईएसआई एजेंट ने खुद को डिफेंस रिपोर्टर बताया था। पहले उसने खूब रसीली बातें कीं। फिर शादी का वादा किया और उसके बाद उससे जासूसी कराने लगी।


रिपोर्ट के मुताबिक, एटीएस और बीएसएफ की टीम ने पहले दिल्ली और नोएडा में दो दिन तक इस संबंध में मिश्र से पूछताछ की। इस दौरान मिश्र के मोबाइल और फेसबुक से तमाम सबूत मिले। उसके द्वारा महिला को भेजे गये वीडियो भी मिले। इन सबूतों के मिलने के बाद मिश्र से पूछताछ की गयी और मंगलवार को उसे सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार किया गया।

एटीएस का कहना है कि सेना के खुफिया विभाग से उन्हें सूचना मिली थी कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई फेसबुक पर महिलाओं के फर्जी अकाउंट बनाकर भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों से दोस्ती करती है। दोस्ती होने के बाद वह कर्मियों से गोपनीय सूचनाएं हासिल करने का प्रयास करती है। प्राप्त सूचना के आधार पर एटीएस की काउंटर एस्पियोनाज टीम ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि फेसबुक पर ऐसे कई भारतीय अकाउंट हैं जो आईएसआई की फर्जी आईडी के संपर्क में हैं। इस संबंध में गहनता से जांच करने पर बीएसएफ कांस्टेबल अच्युतानंद मिश्र पर संदेह गया।

मिश्र से पूछताछ और उसका डेटा डाउनलोड तथा एक्स्ट्रैक्ट करने के बाद कई बातें सामने आयीं। उससे पता चला कि मिश्र 2016 में फेसबुक के जरिए महिला के संपर्क में आया था। प्रदेश पुलिस प्रमुख सिंह ने बताया कि मिश्र के फोन में पाकिस्तान का एक फोन नंबर पाकिस्तानी मित्र के नाम से सेव था। वह इसी नंबर पर व्हाटसऐप चैट करता था।


मिश्र की चैट से पता चलता है कि उसे धर्म परिवर्तन और कश्मीर पर भारत विरोधी बातें कह कर प्रभावित किया जा रहा था। मिश्र इसी नंबर पर सभी सूचनाएं साझा करता था। सिंह ने कहा कि मिश्र के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है ताकि पता किया जा सके कि क्या सूचनाएं साझा करने के बदले में उसने पैसे भी लिये थे।


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