उत्तर प्रदेश का जौनपुर जिला प्रशासन बिजली उपभोक्ताओं से बकाया वसूलने के लिए कठोर कदम उठाने जा रहा है। बताया जा रहा है कि जिले में बिजली उपभोक्ताओं के ऊपर सात सौ करोड़ से अधिक बकाया है। जिला प्रशासन के ताजा आदेश के बाद एक अक्टूबर से बिजली बिल भुगतान की रसीद दिखाने पर ही लोग सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। यहां तक कि कोटेदारों से राशन पाने के लिए भी बिजली बिल जमा करने की रसीद दिखानी पड़ेगी।
जौनपुर के डीएम ने 18 सितंबर को जारी इस आदेश में कहा है कि बिजली उपभोक्ता समय पर बिलों का भुगतान नहीं करते हैं। चूंकि उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए विद्युत उत्पादन निगम से बिजली की खरीद होती है। जिसके चलते विभाग के पास पैसे की समस्या रहती है। धन की कमी की वजह से बिजली खरीद न होने पर आपातकालीन कटौती होती है।
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इसलिए ये निर्णय लिया गया है कि अगले महीने से राज्य सरकार की ओर से संचालित जनसुविधा केंद्रों, तहसील, कलेक्ट्रेट और विभिन्न विभागों से जनता को दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते वक्त आवेदक को बिजली बिल भुगतान की रसीद भी पेश करने होगी। बता दें कि जौनपुर से पहले गोरखपुर जिले के डीएम भी ऐसा आदेश निकाल चुके हैं।
हालांकि जौनपुर जिला प्रशासन के इस आदेश पर सवाल भी उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि जिला प्रशासन सरकारी विभागों के भारी-भरकम बकाए को वसूलने की जगह सिर्फ जनता पर ही रौब जमाने में जुटा है।
बिजली बिल नहीं भरने पर नहीं मिलेंगीं ये सरकारी सुविधाएं
-जिला पूर्ति विभाग से मिलने वाला राशन
-नगर पालिका परिषद द्वारा वसूल किए जाने वाला गृहकर एवं जलकर
-राजस्व विभाग से जाति, आय, अधिवास, हैसियत प्रमाफत्र, खतौनी की नकल
-नगर विकास और पंचायती राज विभाग से जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र, कुटुंब रजिस्टर की नकल
-जिला प्रशासन से लाउडस्पीकर के प्रयोग की अनुमति
-अन्य सेवाएं जैसे- पासपोर्ट, पीएम आवास योजना, शस्त्र लाइसेंस, खनन के पट्टे, आबकारी लाइसेंस, वाहन रजिस्ट्रेशन