नई दिल्ली, 18 दिसम्बर (आईएएनएस)| नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के विरोध में दिल्ली के उत्तर-पूर्व इलाके में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी के मामले में मंगलवार देर रात तीन प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं और छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने आईएएनएस से कहा, “हमने हिंसा और आगजनी के तीन मामले दर्ज किए हैं। पहला मामला सीलमपुर हिंसा, दूसरा मामला जाफराबाद और तीसरा मामला बृजपुरी में दर्ज किया है।”
आलोक कुमार ने कहा कि उन्होंने हिंसा के मामले में सीलमपुर और जाफराबाद से पांच लोगों और बृजपुरी से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने आगजनी, दंगा फैलाने, सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने, गैर कानून तरीके से इकट्ठे होने और नुकसान करने के मामले दर्ज किए तथा सीलमपुर से पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि उन्होंने लगभग दो दर्जन ऐसे अराजक तत्वों को चिह्नित किया है, जो हिंसा और सार्वजनिक संपत्तियों में आग लगाने की घटनाओं में शामिल थे।
मंगलवार को सीलमपुर में उपजी हिंसा में 12 पुलिसकर्मियों और कुछ बच्चों समेत कुल 34 लोग घायल हुए। पुलिस ने यह भी दावा किया कि रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के तीन कर्मी भी घायल हुए हैं। एक पुलिसकर्मी को पीटा गया और उसका वायरलेस सेट छीन लिया गया।
पुलिस ने अभी भी यही कहा कि कोई गोलीबारी नहीं की गई है, सिर्फ आंसूगैस के गोले छोड़े गए। हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान दो सार्वजनिक बसें, एक आरएएफ बस और कुछ बाइकें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
सीलमपुर क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों ने कई बाइकों को आग लगा दी, पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की और बसों तथा पुलिस बूथ को क्षतिग्रस्त कर दिया।
दोपहर बाद तक स्थिति पुलिस के नियंत्रण में आने के बावजूद क्षेत्र में देर रात तक छिटपुट घटनाएं सामने आती रहीं।
दंगाइयों ने यात्रियों को ले जा रही दो बसों पर भी पत्थरबाजी की, जिसमें कम से कम छह यात्री और एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए।
दंगाइयों ने बच्चों को ले जा रही स्कूल बस को भी निशाना बनाया, लेकिन पुलिस ने बस में सवार बच्चों को उतरवाने में मदद कर उन्हें सुरक्षित निकाल दिया।