वाराणसी, 19 फरवरी (आईएएनएस)। संत कबीर के जीवन को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से फरवरी के अंत में वाराणसी में कबीर महोत्सव आयोजित किया जाएगा। यह महोत्सव 15वीं सदी के महान कवि और संत कबीर की जीवन यात्रा को दर्शाएगा।
महोत्सव गुरु नानक, गोरखनाथ और रहीम दास सहित अन्य भक्ति पंथ मनीषियों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा, जो संत कबीर के समकालीन रहे हैं।
जिला प्रशासन ने 23 से 25 फरवरी के बीच कबीर महोत्सव आयोजित करने का प्रस्ताव भेजा है।
जिला मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा ने कहा, राज्य सरकार के निर्देश पर हमने तीन दिवसीय कबीर महोत्सव आयोजित करने का प्रस्ताव तैयार किया है और इसे राज्य सरकार की मंजूरी लेने के लिए संस्कृति विभाग को भेज दिया है।
योजना के अनुसार, महोत्सव कबीर के जीवन की यात्रा को प्रदर्शित करेगा।
इस आयोजन के उद्घाटन के साथ, वाराणसी से एक भव्य शोभायात्रा को भी रवाना किया जाएगा, जहां आध्यात्मिक कवि का जन्म हुआ था। यात्रा संत कबीर नगर जिले के मगहर गांव में संपन्न होगी, जहां उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया था।
कबीर चौरा और लाहरतारा के आसपास के इलाकों में कबीर मठ में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनी और अन्य गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा, जो कि कबीर के जन्म से जुड़ा एक ऐतिहासिक तालाब है।
शर्मा ने कहा, कबीर, गोरखनाथ, रहीम दास, दादू दयाल, घासी दास और अन्य, जिनका उत्तर प्रदेश से संबंध था, उनके लिए अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करके संत कबीर के समकालीन कवियों और संतों के साथ महोत्सव को जोड़ने की योजना बनाई गई है। प्रस्ताव पर सरकार की मंजूरी का इंतजार है।
श्री गोवर्धनपुर क्षेत्र में संत रविदास की जन्मस्थली पर पारंपरिक उत्सव इस वर्ष महामारी के कारण तुलनात्मक रूप से सामान्य ही रहेगा।
ट्रस्टी किशनलाल सरोआ ने कहा कि एनआरआई इस साल नहीं आएंगे और विभिन्न राज्यों से हजारों तीर्थयात्रियों को लाने के लिए विशेष ट्रेनें भी इस साल महामारी के कारण बुक नहीं हो पाई हैं।
–आईएएनएस
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